गोरखपुर। शिशु शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त की प्रांतीय शैक्षिक टोली की एक महत्वपूर्ण बैठक सरस्वती शिशु मंदिर 10+2 पक्कीबाग, गोरखपुर में संपन्न हुई। बैठक में प्रान्तभर के सरस्वती शिशु मंदिरों और विद्या मंदिरों की शैक्षणिक गुणवत्ता को और अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
बैठक के प्रमुख बिंदु
- आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धतियों तथा सह-शैक्षणिक गतिविधियों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया।
- विद्यालयों के आचार्यों के लिए नवीन शिक्षण तकनीकों एवं भारतीय मूल्य आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने पर बल दिया गया।
- छात्रों के समग्र विकास हेतु एक प्रभावी एवं पारदर्शी मूल्यांकन पद्धति पर चर्चा की गई।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने तथा भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन देने का संकल्प लिया गया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में जियालाल जी (प्रदेश निरीक्षक, जन शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में गजेंद्र सिंह (क्षेत्रीय संयोजक, सेकेंडरी शिक्षा) उपस्थित रहे। दोनों ही अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि गोरक्ष प्रान्त के विद्यालयों में पंचपदीय शिक्षण पद्धति को लागू करते हुए विद्यार्थियों को संस्कारयुक्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना प्राथमिकता होगी।
अतिथि परिचय प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शैक्षिक टोली के प्रांतीय संयोजक राम केवल शर्मा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर दिवाकर मिश्र (संभाग निरीक्षक, आज़मगढ़), राजीव श्रीवास्तव (प्रधानाचार्य/सह प्रशिक्षण प्रमुख, गोरक्ष प्रान्त) सहित प्रान्त के सभी विभाग स्तरीय शिक्षा प्रमुख एवं प्रांतीय शैक्षिक टोली के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने अपने सुझाव प्रदान करते हुए प्रांतीय शैक्षणिक गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त किया।

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