वॉयस ऑफ बस्ती संवाददाता
बस्ती। मनरेगा कानून को वापस लेकर बिना बहस के आनन-फानन में नया कानून बनाए जाने के विरोध में चारों बाम दलों के केंद्रीय नेतृत्व के देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर जनपद बस्ती में भी वाम दलों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस क्रम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) एवं भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने न्याय मार्ग स्थित कार्यालय से जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित दो सूत्रीय मांगपत्र तथा जनपद में कतिपय समूहों द्वारा की जा रही मोरल पुलिसिंग के विरोध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा गया। जुलूस का नेतृत्व माकपा के जिला सचिव कामरेड शेष्मणी, भाकपा के जिला सचिव कामरेड अशर्फी लाल तथा भाकपा माले के संयोजक कामरेड राम लौट ने किया।
बाम दलों के नेताओं ने मनरेगा कानून में बदलाव को कार्पोरेट घरानों के इशारे पर की गई कार्रवाई बताते हुए कहा कि यह केवल नाम परिवर्तन का मामला नहीं है, बल्कि नए कानून में रोजगार की गारंटी को तोड़-मरोड़ कर समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। नेताओं ने मांगपत्र में नया कानून वापस लेकर पूर्व कानून की बहाली, मनरेगा का सार्वभौमीकरण तथा साल में 200 दिन की रोजगार गारंटी की मांग शामिल होने की जानकारी दी।
इसके साथ ही जनपद में कुछ व्यक्तियों, समूहों व संगठनों द्वारा धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही मोरल पुलिसिंग पर भी नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया। इस संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी बस्ती सदर को सौंपा गया। पूर्व जिला सचिव कामरेड के.के. तिवारी ने कहा कि बस्ती में इस तरह की प्रवृत्तियां संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं और बीएनएस के तहत अपराध की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने जिला प्रशासन, विशेषकर पुलिस प्रशासन से सतर्क होकर कार्रवाई की मांग की।
कार्यक्रम में सत्य राम, राम अंजोर, राम गढ़ी चौधरी, राम जी, नरसिंह भारद्वाज, विफइ, भागीरथी, शांति, मिस्लावती, रुखसाना, अनुपमा, अनीता, गुड़िया, कुसुम सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व समर्थक शामिल रहे।

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