बस्ती। विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी, बस्ती द्वारा जिला महिला अस्पताल में निमोनिया जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान पंपलेट वितरण एवं जन-जागरूकता उद्बोधन कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें आमजन को निमोनिया के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के सचिव रंजीत श्रीवास्तव ने बताया कि निमोनिया एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है और जानलेवा हो सकती है। यह विशेष रूप से पाँच साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक साबित होती है।
संस्था के सभापति डॉ. प्रमोद चौधरी ने बताया कि वर्ष 2009 में बाल निमोनिया के खिलाफ ग्लोबल कोएलिशन द्वारा इस दिवस की शुरुआत की गई थी, जिसमें यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और सेव द चिल्ड्रन जैसे प्रमुख संगठन शामिल थे। इसका उद्देश्य दुनिया भर में निमोनिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता देना है।
उपसभापति एल. के. पांडेय ने कहा कि निमोनिया आज भी एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, विशेष रूप से विकासशील देशों में बच्चों के लिए। जागरूकता फैलाना और समय पर बचाव के कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
कोषाध्यक्ष राजेश कुमार ओझा ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए टीकाकरण, उचित पोषण और स्वच्छ हवा अत्यंत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि हर वर्ष 12 नवम्बर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है, जो इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
कार्यक्रम में डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. पंकज शुक्ला, डॉ. बबीता रानी, डॉ. पी.एल. गुप्ता, सिस्टर बबीता, अनीश, शैलेंद्र सहित एस.आर. हॉस्पिटल एंड मेडिकल इंस्टिट्यूट की नर्सिंग ट्यूटर श्रीमती अर्चना, अर्चना प्रजापति तथा नर्सिंग विद्यार्थियों का सराहनीय योगदान रहा।

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