गोरखपुर। पूर्वाेत्तर रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिए मल्टीट्रैकिंग कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। छपरा ग्रामीण–बाराबंकी मुख्य रेल मार्ग पर तीसरी लाइन निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। वर्तमान में छपरा ग्रामीण–छपरा तथा कुसम्ही–डोमिनगढ़ रेल खंडों में तीसरी लाइन का कार्य पूरा होकर कमीशन किया जा चुका है।
गोण्डा–बुढ़वल (61.72 किमी.) तीसरी लाइन निर्माण परियोजना के तहत गोण्डा कचहरी–घाघरा घाट (45.42 किमी.) खंड पहले ही कमीशन हो चुका है। अगले चरण में घाघरा घाट–बुढ़वल तक तीसरी लाइन निर्माण, जिसमें घाघरा नदी पर बनाया गया महत्वपूर्ण नया पुल शामिल है, पूर्ण कर लिया गया है। इस नव-निर्मित तीसरी लाइन का रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल द्वारा 05 दिसम्बर 2025 को निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के पश्चात लाइन कमीशन होकर यातायात के लिए खोल दी जाएगी।
तीसरी लाइन के संचालन में आने से लाइन क्षमता बढ़ेगी, गाड़ियों के समयपालन में सुधार होगा तथा जनआकांक्षाओं के अनुरूप अधिक गाड़ियों का संचालन संभव हो सकेगा। गोण्डा–बुढ़वल तीसरी लाइन परियोजना की कुल लागत 1117 करोड़ रुपये है।
घाघरा घाट–चौकाघाट स्टेशनों के बीच घाघरा नदी पर बना यह तीसरा नया पुल है। पहला पुल वर्ष 1898 में मीटर गेज लाइन के साथ बना था जिसे एल्गिन ब्रिज नाम दिया गया। वर्ष 1981 में आमान परिवर्तन के दौरान इसे बड़ी लाइन मानक के अनुरूप परिवर्तित किया गया। दूसरा पुल वर्ष 2012–13 में दोहरीकरण के समय बना, जिसकी ओपनिंग 14 अप्रैल 2013 को हुई थी।
अब तीसरा पुल पूरी तरह कमीशनिंग के लिए तैयार है। 1037 मीटर लम्बे इस पुल में 17 स्पैन निर्मित किए गए हैं। इसका फाउंडेशन डबल लाइन के अनुरूप बनाया गया है, जिससे भविष्य में चौथी लाइन निर्माण के दौरान अलग से फाउंडेशन की आवश्यकता नहीं होगी। इससे समय, संसाधन और धन—तीनों की बचत होगी।
पूर्वाेत्तर रेलवे की इस महत्वपूर्ण परियोजना से क्षेत्र में रेल सेवाओं की गति, क्षमता तथा विश्वसनीयता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने जा रही है।
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