<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Monday, December 1, 2025

आधार गड़बड़ी से उज्ज्वला कनेक्शन प्रभावित केंद्रीकृत लोक शिकायत प्रणाली ने उजागर की अनियमितता, कार्रवाई अब भी अधर में


सिद्धार्थनगर। उज्ज्वला योजना के एक उपभोक्ता के कनेक्शन में आधार परिवर्तन से जुड़ी गंभीर त्रुटि और विभागीय लापरवाही ने जिला प्रशासन और इंडियन ऑयल की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम शोहरतगढ़ निवासी प्रीति अग्रहरि पत्नी अर्जुन कुमार अग्रहरी के गैस कनेक्शन में आधार गलत तरीके से किसी अन्य महिला के नाम पर दर्ज कर दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है।

उपभोक्ता के अनुसार 12 जनवरी 2025 को गैस बुकिंग और डिलीवरी के उसी दिन उनका कनेक्शन अचानक टर्मिनेट कर दिया गया, जबकि केवाईसी 30 दिसंबर 2023 को ही अनुमोदित हो चुकी थी। बाद में आरटीआई और विभागीय पत्राचार से पता चला कि उपभोक्ता का आधार प्रीति पत्नी नरेंद्र बहादुर के रूप में दर्ज कर दिया गया है, जिससे कनेक्शन का पूरा रिकॉर्ड ही संदिग्ध हो गया।

केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली की रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से एजेंसी की गलती की पुष्टि की गई है, लेकिन इसके बावजूद न तो कनेक्शन बहाल हुआ और न ही गलत रिकॉर्ड को सुधारा गया। उपभोक्ता का कहना है कि इंडियन ऑयल ने लोक शिकायत पोर्टल पर केवल इतना अपडेट किया कि एजेंसी को 15 दिन का नोटिस भेजा गया है, जबकि महीनों बाद भी किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई और न कोई स्पष्ट उत्तर मिला।

उपभोक्ता ने जिला पूर्ति अधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारी पर भी गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उपभोक्ता के अनुसार डीएसओ ने बिना किसी टिप्पणी के इंडियन ऑयल का पत्र सीधे उनके पते पर भेज दिया, जबकि क्षेत्रीय अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में केवल पुराने पत्रों को जोड़कर औपचारिकता निभा दी। दूसरी ओर इंडियन ऑयल पोर्टल पर कार्रवाई पूर्ण होने का दावा कर रहा है, जबकि उपभोक्ता का कनेक्शन अब भी बहाल नहीं हुआ है।

उपभोक्ता के कनेक्शन पर 16,464 का जुर्माना दर्ज दिखाया जा रहा है, लेकिन न तो जुर्माना आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई है और न यह स्पष्ट किया गया है कि यह जुर्माना किस अधिकारी ने और किस आधार पर लगाया है। उपभोक्ता का कहना है कि जब गलती एजेंसी की है तो उन्हें दंडित क्यों किया जा रहा है और बिना किसी आधार के इतनी बड़ी राशि क्यों दर्ज कर दी गई।

इस बीच उपभोक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंसी बार-बार नया कनेक्शन लेने का दबाव बना रही है। उपभोक्ता के पास इस संबंध में कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। वहीं इंडियन ऑयल गोरखपुर डिवीजन द्वारा जारी संपर्क नंबर लगातार बंद मिलता है और फील्ड अफसर एस.के. सोनी का नंबर भी रिसीव नहीं किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ता कई महीनों से विभागीय दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

मामले में मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण संगठन ने भी संज्ञान लिया है, लेकिन विभागीय कार्रवाई अब भी अधर में लटकी हुई है। उपभोक्ता का कहना है कि जब शिकायत पोर्टल, आरटीआई और विभागीय रिपोर्टें सभी एजेंसी की गलती की ओर इशारा कर रही हैं, तब भी कार्रवाई में इतनी देरी क्यों की जा रही है।

उपभोक्ता ने कनेक्शन तत्काल बहाल करने, आधार परिवर्तन में हुई त्रुटि के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने, 16,464 जुर्माने का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने और लोक शिकायत पोर्टलों पर सही तथ्य दर्ज करने की मांग की है। यह मामला न केवल विभागीय पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि उपभोक्ता अधिकारों की गंभीर उपेक्षा को भी उजागर करता है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages