बस्ती। रहीम–रसखान परंपरा के कवि एवं रिक्शा चालक रहमान अली रहमान को मानस संगम, कानपुर के 57वें वार्षिक समारोह में सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित अतिथियों द्वारा उन्हें अंगवस्त्र भेंट कर सम्मान प्रदान किया गया।
आठ पुस्तकों — ‘कुछ कविताएँ’, ‘रहमान राम का प्यारा हूँ’, ‘मत व्यर्थ करो अब पानी को’, ‘जिंदगी मौत के दरमियां’, ‘बिन कन्या जग सूना’ सहित अन्य कृतियों के रचयिता रहमान अली रहमान के सम्मानित होने पर साहित्य जगत में प्रसन्नता व्यक्त की गई।
इस अवसर पर डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, डॉ. वी.के. वर्मा, प्रदीप चंद्र पांडेय, विनोद कुमार उपाध्याय, अफजल हुसैन ‘अफजल’, शाद अहमद शाद, सागर गोरखपुरी, जगदंबा प्रसाद भावुक, अष्टभुजा शुक्ल, दुर्गेश नंदन माणिक, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’, दीपक सिंह प्रेमी, हरीश दरवेश, कलीम वस्तवी सहित अनेक साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे श्रमशील सृजनशीलता का सम्मान बताया।

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