बस्ती। उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ में जिलाध्यक्ष पद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अजय आर्य ने बिना निर्धारित चुनाव प्रक्रिया अपनाए स्वयं को पुनः जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया, जो संघ के नियमों के विरुद्ध है। मामले को लेकर सफाई कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है।
शनिवार को जिला मंत्री मनोज चौहान, कोषाध्यक्ष पेशकार और संगठन मंत्री राम कृपाल चौधरी के नेतृत्व में कचहरी परिसर में एक आकस्मिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि तत्काल प्रभाव से मनोनयन निरस्त कर विधिवत चुनाव नहीं कराया गया तो पूरे प्रकरण को संघ के प्रदेश नेतृत्व, विभागीय अधिकारियों और जिलाधिकारी के समक्ष उठाया जाएगा।
पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व में संघ के सभी चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मतदान द्वारा संपन्न होते रहे हैं, लेकिन इस बार न तो पुरानी कार्यकारिणी को भंग किया गया और न ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों को भी नियमों के अनुसार कोई सूचना नहीं दी गई, जिससे पूरा चयन अवैधानिक हो गया है।
कोषाध्यक्ष पेशकार और संगठन मंत्री राम कृपाल चौधरी ने स्पष्ट किया कि संघ में किसी भी प्रकार की मनमानी स्वीकार नहीं की जाएगी। मांग की गई कि पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव की तिथि घोषित की जाए, अन्यथा संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन बुलाकर नए सिरे से पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा।
वहीं, जिलाध्यक्ष अजय आर्य ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि चुनाव नियमानुसार कराए गए हैं और इसकी सूचना सभी संबंधित अधिकारियों को दी गई थी। उन्होंने कहा कि असंतुष्ट लोग व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते विवाद फैला रहे हैं।
बैठक में विभिन्न ब्लॉकों के अध्यक्षों समेत बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने एक स्वर में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की मांग की।

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