महादेवा (बस्ती)। विकास क्षेत्र के बघाडी गांव में आयोजित संगीत मई श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर आचार्य उत्कर्ष पाण्डेय जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का अनुपम वर्णन कर भक्तों को भक्तिरस में सराबोर कर दिया। उन्होंने बताया कि जिस परमात्मा को ऋषि-मुनि कठिन तप से पाते हैं, वही भगवान कृष्ण भक्तों के लिए सहज उपलब्ध हैं।
माखन चोरी लीला का भाव समझाते हुए महाराज श्री ने कहा कि यह मात्र शरारत नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय का अहंकार पिघलाने और उन्हें निर्मल बनाने की दिव्य लीला है। भगवान द्वारा दिया गया माखन भक्तों के लिए प्रेम-प्रसाद बन जाता है, जिसमें प्रभु का स्नेह और निकटता समाहित रहती है।
कथा का भावपूर्ण प्रसंग पूतना उद्धार रहा। महाराज श्री ने बताया कि पूतना भले ही राक्षसी थी, परंतु भगवान ने उसके ‘मां’ बनने के भाव को स्वीकार कर उसे मोक्ष प्रदान किया। यह दर्शाता है कि प्रभु की करुणा इतनी विराट है कि वे शत्रु को भी तार देते हैं।
गोवर्धन पूजा प्रसंग के माध्यम से आचार्य श्री ने पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति, गौ, पर्वत, पेड़-पौधे, जल-वायु ही हमारी प्रथम देवियां हैं जिन्हें सुरक्षित रखना हमारा मुख्य धर्म है।
कार्यक्रम में मुख्य यजमान बलराम प्रसाद शुक्ल ने श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर यज्ञाचार्य सत्यम दूबे, रामानंद तिवारी, पिन्टू बाबा, अंकित दूबे, मुकेश, राजन तिवारी सहित अनेक भक्त उपस्थित रहे।

No comments:
Post a Comment