गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर भारत के रेल आधुनिकीकरण में एक नया अध्याय जोड़ा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि “वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव रख रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित देशों की तरह भारत भी मज़बूत बुनियादी ढांचे के माध्यम से विकास की राह पर तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने बताया कि बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु मार्गों पर शुरू हुईं ये चार नई ट्रेनें क्षेत्रीय गतिशीलता, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को गति देंगी। इन ट्रेनों के साथ अब देश में वंदे भारत एक्सप्रेस की संख्या 160 से अधिक हो गई है।
श्री मोदी ने कहा कि ये ट्रेनें भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थलों को जोड़ते हुए “आस्था, संस्कृति और विकास का संगम” बन रही हैं। उन्होंने बताया कि बनारस-खजुराहो वंदे भारत प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे प्रमुख तीर्थों को जोड़ेगी, जिससे यात्रा में लगभग 2 घंटे 40 मिनट की बचत होगी। लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत 7 घंटे 45 मिनट में यात्रा पूरी करेगी, जिससे हरिद्वार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को लाभ होगा। फिरोजपुर-दिल्ली ट्रेन मात्र 6 घंटे 40 मिनट में दूरी तय करेगी, जबकि एर्नाकुलम-बेंगलुरु ट्रेन यात्रा समय को 2 घंटे घटाकर 8 घंटे 40 मिनट कर देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्राओं ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी है — केवल वाराणसी में ही पिछले वर्ष 11 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, सड़क, गैस पाइपलाइन, इंटरनेट और खेल संरचनाओं के विस्तार से वाराणसी आज पूर्वांचल की “स्वास्थ्य राजधानी” बन चुका है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जबकि केरल के राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर व अन्य मंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़े। प्रधानमंत्री ने बच्चों की चित्रकला व कविता प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे युवा भारत के उज्जवल भविष्य की पहचान हैं।

No comments:
Post a Comment