नई दिल्ली। देश के 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा अगले पांच वर्षों में अनुसंधान एवं विकास पर 32,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाने की संभावना है क्योंकि वे स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का उत्पादन करने पर विचार कर रहे हैं।
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सोमवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा डीपीएसयू की वार्षिक कार्य-निष्पादन समीक्षा के दौरान प्रस्तावित व्यय पर चर्चा होने की संभावना है।
सिंह ने डीपीएसयू द्वारा नयी तकनीक के विकास के महत्व और निर्यात एवं स्वदेशी रूप से उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए 2025 को ‘‘सुधारों का वर्ष’’ घोषित किया था।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में 16 डीपीएसयू द्वारा अनुसंधान एवं विकास में कुल 30,952 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। अब अगले पांच वर्षों में अनुसंधान एवं विकास की गति को दोगुना करने का प्रस्ताव है, जिस पर 32,766 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय होगा।
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