बस्ती। बहादुरपुर विकास खंड के नारायणपुर बढईपुरवा गांव में आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथा व्यास आचार्य रामेश्वर नारायण ने कहा कि जीवन में सद्गुण और मधुरता से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं। उन्होंने श्रीराम-सीता विवाह प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विवाह केवल दिव्य घटना नहीं, बल्कि धैर्य, मर्यादा और आदर्श जीवन मूल्यों का प्रतीक है।
महात्मा जी ने कहा कि श्रीराम का जीवन धर्म, प्रेम, सम्मान और कर्तव्य का संदेश देता है। उन्होंने श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के नामकरण, यज्ञ रक्षा और विश्वामित्र संग वनगमन जैसे प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि ज्ञान और विवेक से सदा सज्जित रहना चाहिए, यही जीवन का सच्चा धन है।
कथा में मुख्य यजमान रणजीत सिंह उर्फ पल्लू सिंह, लालजीत सिंह, सर्वजीत सिंह सहित अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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