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Wednesday, November 19, 2025

गोरखपुर आरएफएसएल में होगी बैलिस्टिक से लेकर डिजिटल फोरेंसिक की हर जांच, युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर

गोरखपुर। उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) गोरखपुर का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह लैब वैज्ञानिक पुलिसिंग का नया इंजन साबित होगी। उन्होंने बताया कि आधुनिक फोरेंसिक तकनीक अब हर छोटे-बड़े सुराग को पुख्ता सबूत में बदल देगी, जिससे अपराधियों के बच निकलने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। पूर्वांचल को मिली इस अत्याधुनिक लैब से आपराधिक मामलों की जांच में अभूतपूर्व तेजी और सटीकता आएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार वैज्ञानिक साक्ष्य आधारित पुलिसिंग को नई मजबूती देने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। गोरखपुर की यह लैब अब-श्रेणी में अपग्रेड होकर बैलिस्टिक परीक्षण, विस्फोटक पदार्थों का विश्लेषण, साइबर जांच, डेटा रिकवरी, वाइस मैचिंग और डीएनए प्रोफाइलिंग जैसे सभी महत्वपूर्ण परीक्षण करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण फोरेंसिक सुविधाओं की कमी के कारण कई अपराधी साक्ष्य न मिलने से बच जाते थे, लेकिन अब यह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नए केंद्रीय कानून लागू होने के बाद फोरेंसिक लैबों की आवश्यकता और बढ़ गई है। प्रदेश के सभी जिलों में दो-दो मोबाइल फोरेंसिक वैन तैनात हैं, जो घटनास्थल पर पहुंचकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करती हैं। इससे जांच पहले की तुलना में कई गुना तेज और अधिक सटीक हो गई है। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस की स्थापना की गई है, जहां सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स के साथ एआई, ड्रोन और रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं भी संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई लैब पूर्वांचल के साथ सरहदी क्षेत्रों में अपराध की जांच का मजबूत आधार बनेगी। अब हत्या, डकैती, दुष्कर्म, साइबर अपराध और धमकी जैसे मामलों की रिपोर्ट महीनों नहीं, बल्कि दिनों में मिल सकेगी। डिजिटल साक्ष्य, वाइस मैचिंग और डीएनए प्रोफाइलिंग से आरोपित की पहचान पहले से कहीं अधिक तेजी और स्पष्टता के साथ संभव होगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक जांच न केवल असली अपराधियों को कानून के कठघरे में लाएगी, बल्कि बेगुनाहों को भी गलत आरोपों से बचाएगी।

कार्यक्रम में एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने लैब की आधुनिक क्षमताओं और तकनीकी खूबियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नई सुविधाओं के साथ अब नेपाल सीमा से जुड़े मामलों और संगठित अपराध की जांच भी गोरखपुर में ही पूरी हो सकेगी, जिससे केस में देरी कम होगी और अपराधियों पर प्रभावी शिकंजा कसा जा सकेगा।

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