बस्ती। टेट (TET) की अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों का राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान मंगलवार को भी जोर-शोर से जारी रहा। जिले के विभिन्न विकासखंडों—साऊंघाट, परसुरामपुर, हर्रैया, दुबौलिया, कुदरहा, बहादुरपुर व बनकटी आदि क्षेत्रों में शिक्षकों ने हस्ताक्षरित ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व बेसिक शिक्षा मंत्री से समस्या के समाधान की मांग की।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षकों का आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चल रहा है, लेकिन अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार नियमों में संशोधन कर हस्तक्षेप करे, तो समस्या का स्वतः समाधान संभव है।
संघ के आवाहन पर शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया। 24 दिवसीय राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रतिदिन प्रत्येक न्याय पंचायत में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। जिलाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि संगठन टेट की अनिवार्यता के खिलाफ पूरी तरह संघर्षरत है और इसे किसी भी दशा में लागू नहीं होने दिया जाएगा।
- विभिन्न क्षेत्रों में हुआ अभियान :
साऊंघाट में जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, ब्लॉक मंत्री अकिलेश चौधरी, अभिनव उपाध्याय
परसुरामपुर में ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा, मंत्री राजीव पांडेय, संयुक्त मंत्री विजयवीर कन्नौजिया
हर्रैया में जिला उप मंत्री विकास पांडेय, ब्लॉक अध्यक्ष संतोष शुक्ल
दुबौलिया में जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश कुमार, उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष रामपाल वर्मा
कुदरहा में ब्लॉक अध्यक्ष चंद्रभान चौरसिया, मंत्री ओमप्रकाश पांडेय
बहादुरपुर में जिला प्रवक्ता सूर्य प्रकाश शुक्ल, ब्लॉक अध्यक्ष रीता शुक्ला
बनकटी में जिला संगठन मंत्री मोहम्मद इकबाल, मंत्री चंद्रशेखर शर्मा, दुर्गेश राव, मंजेश राजभर सहित अनेक शिक्षक शामिल हुए।
इस अभियान में शिक्षकों की बड़ी भागीदारी देखने को मिल रही है। संयोजन में सुनीता चौधरी, विनय कुमार शर्मा, अनिल यादव, प्रीति मिश्रा, अनुपम मिश्रा, राजलक्ष्मी अग्रहरि, मोहम्मद कामरान, दयानत, जाकिरा खातून, रजनीश पांडेय, बालेंद्र, विनोद कुमार, कमलेश्वर प्रसाद, शारदा चतुर्वेदी, धर्मेंद्र उपाध्याय सहित अनेक शिक्षक सक्रिय रहे।
शिक्षक संघ का यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, जब तक टेट की अनिवार्यता के निर्णय पर पुनर्विचार नहीं होता।

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