बस्ती। स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सुरतीहट्टा में भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 95वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाई गई। इस अवसर पर बच्चों और शिक्षकों ने उनके योगदान को याद किया और उनसे प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने डॉ. कलाम को जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता के लिए समर्पित एक "महामानव" बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन विद्यार्थियों और किसानों को समर्पित था, और उनके लिए ही उन्होंने निरंतर कार्य किया।
विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश आर्य ने डॉ. कलाम को "विश्वपोषक व्यक्ति" बताते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के अपना ज्ञान देश के लिए समर्पित किया। उनके अनुसार, डॉ. कलाम का सम्पूर्ण जीवन देशभक्ति और सेवा की मिसाल है।
प्रधानाध्यापक गरुण ध्वज पाण्डेय ने डॉ. कलाम के बस्ती आगमन के संस्मरण साझा करते हुए बताया कि उन्होंने उस समय गीता की पुस्तक निकालकर कर्मयोग पर विशेष बल दिया था। उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती, बचत और दुर्व्यसनों से दूर रहने की प्रेरणा दी थी। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी कहा था, “सपने वो नहीं जो नींद में आते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
कार्यक्रम में नीतीश कुमार, अरविंद श्रीवास्तव, दिनेश मौर्य, अनीशा मिश्रा, महक मिश्रा, अपूर्व चतुर्वेदी सहित विद्यालय के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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