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Friday, May 9, 2025

ऑपरेशन सिंदूर पर सेना के समर्थन में राष्ट्रीय कवि संगम ने किया शंखनाद


बस्ती। जिला सहकारी बैंक बस्ती के सभागार में आयोजित कवि गोष्ठी में जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष राजेंद्र नाथ तिवारी के संरक्षण में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने कवियों को संबोधित करते हुए कहा समय के अनुसार समाज को जगाने का कार्य कवि करते हैं। परिस्थितियों के अनुसार रचना करना हमारा धर्म है । आने वाले संकट में समाज को तैयार करने का दायित्व कवियों का है। प्रत्येक कवि एक अपने जैसा कवि तैयार करें तभी उसका कार्य पूर्ण होता है । हर बालक कवि का एक पालक कवि होना चाहिए और हर पालक कवि का एक बालक कवि होना चाहिए । भारतीय सेना के अदम्य साहस को राष्ट्रीय कवि संगम प्रणाम करता है साथ ही भारतीय सेना को राष्ट्रीय नेतृत्व को बधाई देता है । 

 राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार मिश्र ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को दिए गए उत्तर पर भारतीय सेना को बधाई दी। अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय कवि संगम के कार्य और दायित्व के बारे में बताया तथा अपनी कविता पढ़ी। अरिमुंडो पर तांडव करती वह वीर वेश में नारी है।दुर्गावती चेनम्मा बन सौ सौ सेना पर भारी है।।

प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव सागर ने पढ़ा तुम बन कर आना प्रेम सलिल मैं तेरा तट बन जाऊंगा ।

संस्कार भारती के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश पांडेय, सहमंत्री सरिता शुक्ला, राधिका शुक्ला, प्रीति श्रीवास्तव एवं हरियाणा से पधारे सौरभ अग्रवाल ने अपने विचार रखें।


बस्ती इकाई के संरक्षक डॉ वीरेंद्र त्रिपाठी ने बड़े ही चुटिले अंदाज में पढ़ा करके सर्जिकल स्ट्राइक सैकड़ों को मारा, पाक में आतंकियों को मौत के घाट उतारा। सारी हेकड़ी रह गई धरी तुम्हारी सुनेव तेवारी!

 संचालन कर रहे बस्ती जिला अध्यक्ष राकेश राही ने पढ़ा पूरी तरह लगे जब तैयार हैं अब हम, एक तीर लक्ष्य के फिर आर पार कीजिए । अविनाश वशिष्ठ ने प्रभु श्री राम पर अपनी रचना पढ़ी राम बनना है अगर जो त्याग तो करना पड़ेगा । डॉ अजीत श्रीवास्तव राज ने पढ़ा अलग पहचान दुनिया में है भारत देश की गाथा । बस्ती महामंत्री जगदीप सिंह दीप ने अपनी रचना पढ़ी और फिर अंजुलि की आचमन से शुद्ध होकर । त्याग देंगे राजमहलों के सभी सुख बुद्ध होकर । कवि शैल सत्यार्थी ने रचना पढ़ी मैं अपनी राह पर चलता रहा हूं। वो अपनी राह से भटक बहुत है। अफजल हुसैन अफजल ने पढ़ा भारत मां के लाल अगर हो तो तुम सीना तान चलो ।  वरिष्ठ कवि डॉ राजेंद्र सिंह राही ने पढ़ा हे देशभक्त जांबाज वतन के रखवाले । कोटि नमन करते हैं तुमको कोटि नमन । हरिकेश प्रजापति ने अपनी रचना पढी जितनी उठी है लाशे लिपटी तिरंगो में ,एक-एक वीर का हिसाब होना चाहिए। इंजीनियर रवि कुमार गुप्ता ने अपनी रचना पढ़ी जम्मू तुम्हारी विदिया है ,कन्या तुम्हारी बिछिया है।दिल्ली तुम्हारे दिल में है, हर भारतीय के मन में है। इस कवि गोष्ठी में जिला सहकारी बैंक के सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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