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Wednesday, August 9, 2023

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तंत्र से ऊबे गन्ना किसान का फैसला : गन्ना पशु चारा के लिये दे दूंगा, मिल को नहीं

बस्ती। तंत्र के भ्रष्टाचार से ऊबे सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ कन्हैया सिंह ने गन्ना अधिकारी सहित अनेक उच्चाधिकारियोें को पत्र भेजकर कहा है कि यदि समस्याओं का हल न निकला तो वे अपना गन्ना पशुओं को चारा के लिये दे देंगे किन्तु चीनी मिल को नहीं देंगे।

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भेजे पत्र में कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ कन्हैया सिंह ने कहा है कि ग्रामसभा मरहा गन्ना सहकारी समिति वाल्टरगंज के वे स्थाई निवासी है, एक ही परिवार रजिस्टर में नाम है। खेती सामूहिक रूप से करते है। गन्ना खाता का संचालन उदय प्रताप सिंह के नाम से होता है। ऐसा शपथ पत्र वे 2016 से देते आ रहे है परन्तु खेद का विषय है कि प्रतिवर्ष 6008/ 157 कोई न कोई कमी प्रतिवर्ष कर दिया जाता है। नियम कानून और धमकी का हवाला देकर चुप करा दिया जाता है। गन्ना प्रबंधन का वे स्वयं  करते है । पत्र में  कहा गया है कि 16 सितम्बर वर्ष 2016 समाजवादी पाटी सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय में गन्ना विकास संस्थान लखनऊ में गन्ना समस्या के विषय में उन्होने लगभग 30 मिनट अपना व्यक्तव्य प्रस्तुत किया था तब से कुछ भ्रष्ट नौकरशाह अनियंत्रित मिल कर्मचारी किसी न किसी कारणवश मानसिक रूप से उत्पीड़न करते है। 30 प्रतिशत पर्ची मिल संचालन के ढाई महीने पहले आता है बाकी शेष मिल बन्द होने के एक हफ्ते के अन्दर एसी परिस्थिति में गन्ना तैयार करना मुश्किल है और दूसरे के पर्ची पर बेचना मजबूरी हो जाता है। उन्होने भ्रष्ट तंत्र से दुखी होकर वर्ष-2023-24 में इस प्रार्थना पत्र के बाद गन्ने की फसल पशु पालने वाले किसानो को देने का निर्णय किया है।  पत्र में कहा गया है कि  वाल्टरगंज सुगर मिल पर उदय प्रताप सिंह का लगभग 47000 रुपये का बकाया है। वह कभी मिलेगा या डूब जायेगा कुछ पता नहीं है।  


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