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Wednesday, December 31, 2025

कर्मचारियों के मन की बात सुने सरकार, नव वर्ष पर दे तोहफा

गोरखपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की एक आवश्यक बैठक मंगलवार देर सायं बंटी शुभारंभ मैरेज लॉन, तारामंडल रोड, रामपुर चौराहा पर संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने की, जबकि संचालन महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने किया।

बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट घरानों के दबाव में कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। धीरे-धीरे सभी विभागों का निजीकरण कर उन्हें कॉरपोरेट के हाथों सौंपने की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी शेयर आधारित पेंशन व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि वे अपने भविष्य के साथ जुआ नहीं खेलना चाहते। कर्मचारी सुरक्षित भविष्य की अपेक्षा रखते हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं है।
उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 97 प्रतिशत कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का विकल्प नहीं चुना है, जो इस व्यवस्था के प्रति कर्मचारियों के गहरे अविश्वास को दर्शाता है। परिषद ने सरकार से एनपीएस एवं यूपीएस को समाप्त कर शीघ्र पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) बहाल करने की मांग की।
अध्यक्ष ने कहा कि आठवें वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट निर्धारित समयावधि में सरकार को सौंपनी चाहिए। जब तक वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं होती, तब तक 01 जनवरी 2026 से वेतन में अंतरिम राहत की व्यवस्था की जाए, जिससे कर्मचारी एवं उनका परिवार सम्मानजनक जीवन यापन कर सके। उन्होंने 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने, आठवें वेतन आयोग में पेंशनरों को समुचित लाभ, कोरोना काल में फ्रीज किए गए 18 माह के डीए/डीआर एरियर का भुगतान, तथा 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पर पेंशन में 20 प्रतिशत वृद्धि और पेंशनरों की रेलवे किराया रियायत बहाल करने की भी मांग की।
महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि पुरानी पेंशन के बिना कर्मचारियों, शिक्षकों, पुलिस जवानों और अर्धसैनिक बलों का भविष्य अंधकारमय है। जब सरकार व्यवस्थापिका में पुरानी पेंशन दे रही है, तो कार्यपालिका में एनपीएस और यूपीएस क्यों लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि माननीयों की चार-चार पेंशन समाप्त कर सभी के लिए एक समान पेंशन व्यवस्था लागू कर दी जाए, तो देश खुशहाल हो सकता है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने कहा कि फिटमेंट फैक्टर 3.86 से कम नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और घरेलू खर्चों का बोझ कर्मचारियों पर निरंतर बढ़ रहा है, ऐसे में सरकार को इस विषय पर संवेदनशील एवं यथोचित निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में रूपेश श्रीवास्तव, गोविंद जी, मदन मुरारी शुक्ल, पंडित श्याम नारायण शुक्ल, अनिल द्विवेदी, बंटी श्रीवास्तव, मिथिलेश तिवारी, राजेश मिश्रा, राजेश सिंह, संतोष सिंह सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।

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