– सरस्वती बालिका विद्या मंदिर रामबाग बस्ती में 272 माताओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ गरिमामय कार्यक्रम
बस्ती। सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, रामबाग बस्ती द्वारा आयोजित “सप्तशक्ति संगम सम्मेलन” कार्यक्रम विद्यालय के वंदना सभागार में गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में निहित सात्विक शक्तियों—आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, मातृत्व, संवेदना, कर्तव्यनिष्ठा, सहनशीलता एवं सेवा भाव—को जागृत कर समाज में मातृशक्ति की भूमिका को सशक्त बनाना था।
यह आयोजन विद्यालय की प्रधानाचार्या एवं विभाग संयोजिका श्रीमती प्रियंका सिंह के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. कमलेश पांडे और विशिष्ट वक्ता श्रीमती पद्मजा उपाध्याय द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन से किया गया। इसके बाद छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका सिंह ने कहा, “सशक्त नारी ही सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण करती है। सप्तशक्ति संगम जैसे आयोजन मातृशक्ति को जागृत करने का माध्यम बनते हैं।”
मुख्य वक्ता डॉ. कमलेश पांडे ने नारी के सात गुण—कीर्ति, श्री, वाणी, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा—का उल्लेख करते हुए कहा कि नारी जब अपनी अंतर्निहित शक्तियों को पहचान लेती है, तो परिवार, समाज और राष्ट्र का उत्थान संभव होता है। उन्होंने माताओं को माता जीजाबाई, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर और रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
विशिष्ट वक्ता श्रीमती पद्मजा उपाध्याय ने कहा कि महिलाएं परिवार की धुरी हैं, जो बच्चों में संस्कार, कर्तव्यबोध और अनुशासन का संचार करती हैं। उन्होंने माताओं को “लोकल फॉर वोकल” अपनाकर आत्मनिर्भर बनने और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से समाज के पुनर्निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया।
विद्यालय की कक्षा 12 की छात्राओं ने ऐतिहासिक नारियों का मंचीय अभिनय प्रस्तुत किया। माता जीजाबाई की भूमिका में अविका शुक्ला, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के रूप में अंशिका मिश्रा, और रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका में गार्गी पांडे ने अपनी प्रभावशाली अभिनय क्षमता से सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में विशिष्ट माताओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इनमें विशेष उपलब्धि प्राप्त संतान की माता – श्रीमती रेणु पाठक, पर्यावरण पर आधारित घर चलाने वाली माता – श्रीमती गुड़िया देवी, निःस्वार्थ भाव से समाज और राष्ट्र कल्याण में कार्यरत माता – श्रीमती लक्ष्मी देवी, कर्तव्य निर्वाह में जीवन अर्पण करने वाली माता – श्रीमती पुष्पा पांडे, और संयुक्त परिवार का सम्मान करने वाली माता – श्रीमती शिवकुमारी जी शामिल थीं।
प्रश्नोत्तरी का आयोजन और संचालन श्रीमती दीपिका पांडेय ने किया। इसके पश्चात श्रीमती संगीता शुक्ला एवं श्रीमती वंदना शुक्ला ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने माताओं को अपनी अंतर्निहित शक्तियों का बोध कराया।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन विद्यालय की प्रथम सहायिका श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव ने किया और शांति मंत्र के साथ “सप्तशक्ति संगम” का समापन हुआ।

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