संतकबीरनगर। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर से प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के स्वयंसेवकों द्वारा भव्य मार्च पास्ट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी आलोक कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया।
मार्च पास्ट कलेक्ट्रेट परिसर से आरंभ होकर कांशीराम स्पोर्ट्स स्टेडियम तक निकाला गया। इस दौरान पीआरडी जवानों के दो प्लाटूनों ने अनुशासित अंदाज में कदमताल करते हुए देशभक्ति का संदेश दिया। मार्च पास्ट का नेतृत्व क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी रितेश वर्मा ने किया।
कार्यक्रम के दौरान वंदे मातरम् गीत के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि 7 नवंबर 1875 को बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत को पहली बार 1896 के अधिवेशन में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध कर गाया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम् स्वतंत्रता सेनानियों का प्रेरणास्रोत बना। लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, अरविंद घोष और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं ने इसे अपने आंदोलनों में अपनाया।
स्वतंत्र भारत में वंदे मातरम् को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी गई। मूल रूप से यह गीत संस्कृत और बांग्ला भाषा में लिखा गया था।
कार्यक्रम के आयोजक जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी रामप्रताप सिंह ने वंदे मातरम् के महत्व को रेखांकित करते हुए मार्च पास्ट में भाग लेने वाले सभी पीआरडी जवानों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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