गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग में आज विद्या भारती के तत्वावधान में ‘सप्तशक्ति संगम: सशक्त नारी, सशक्त राष्ट्र’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नारी शक्ति के एकत्रीकरण, सम्मान एवं समरसता के भाव को जागृत करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ।
मुख्य वक्ता शैल पाण्डेय, प्रधानाचार्य डी.ए.वी. पी.जी. कॉलेज, ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि “नारी केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति, शिक्षा और संस्कार की संवाहक भी है।” उन्होंने भारतीय संस्कृति में वर्णित नारी के सात स्वरूपों की चर्चा करते हुए बताया कि नारी के सात गुण — कीर्ति, श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा — को जागृत कर ही सशक्त राष्ट्र निर्माण संभव है।
विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती रुक्मिणी उपाध्याय ने मातृशक्ति को पेरेंटिंग के विभिन्न पहलुओं पर पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से जागरूक किया। उन्होंने आधुनिक समय में बच्चों के अनुचित मोबाइल उपयोग एवं पाश्चात्य प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय संस्कृति से पुनः जोड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएँ, छात्राएँ एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रतिभागी महिलाओं ने अपने विचार एवं प्रतिभा साझा की, जिससे सभागार में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना। इस अवसर पर विशिष्ट मातृशक्तियों — गायिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुनिशा श्रीवास्तवा तथा सुश्री स्मिधना चटर्जी (असिस्टेंट प्रोफेसर) — को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित मातृशक्ति ने समाज व राष्ट्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने तथा महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का संचालन आचार्या भानुप्रिया जी ने किया तथा अध्यक्षता श्रीमती रश्मि श्रीवास्तवा, प्रधानाचार्या सरस्वती बालिका विद्यालय सूर्यकुण्ड, ने की।
अंत में शिक्षुवाटिका संचालिका श्रीमती मीनाक्षी जी ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह सहित समस्त विद्यालय परिवार की उपस्थिति में यह आयोजन नारी शक्ति के सम्मान एवं राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को सशक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल सिद्ध हुआ।

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