बस्ती। बहादुरपुर विकास खंड के नरायनपुर बढईपुरवा गांव में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य रामेश्वर नारायण ने श्रद्धालुओं को जीवन के आध्यात्मिक और नैतिक संदेशों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि “राम चरित अनंत है, श्रीराम के विवाह और जीवन की कथा जो प्रेम से सुनेगा, उसका सदा मंगल होगा।”
महात्मा जी ने कहा कि चाहे कोई ज्ञानमार्गी हो या भक्ति मार्गी, ईश्वर की साधना और ध्यान के बिना जीवन सफल नहीं होता। मनुष्य को अपना जीवन लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, क्योंकि वह शरीर से नहीं बल्कि मन और आंखों से अधिक पाप करता है।
कथा के दौरान जैसे ही श्रीराम जन्म प्रसंग आया, पूरा पंडाल ‘भए प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी’ के मंगलगान से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर ‘सियावर रामचन्द्र की जय’ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बना दिया।
आचार्य रामेश्वर नारायण ने श्रीराम जन्म के कारणों की व्याख्या करते हुए कहा कि परमात्मा सर्वसमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि वशिष्ठ की नगरी बस्ती धन्य है, जहां पुत्रेष्टि यज्ञ से परमात्मा का अवतार हुआ। दशरथ जी के पास समर्थ गुरु वशिष्ठ होने के बाद भी निःसंतान रहने का कारण केवल इच्छा का अभाव था। जैसे ही उन्होंने संतान की इच्छा प्रकट की, श्रृंगी ऋषि के मार्गदर्शन में यज्ञ सफल हुआ और राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न का जन्म हुआ।
महात्मा जी ने कहा कि “जो निर्गुण थे, वही भक्तों के प्रेम से सगुण हो गए। चैत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को मध्यान्ह में प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया।” उन्होंने कहा कि राम के बिना ‘आराम’ नहीं है। धर्म का फल शांति है, और श्रीराम की मर्यादा का पालन ही उनकी सर्वोत्तम सेवा है।
कथा के दूसरे दिन मुख्य यजमान रणजीत सिंह उर्फ पल्लू सिंह, लालजीत सिंह और सर्वजीत सिंह ने विधिवत पूजन-अर्चन किया।
कार्यक्रम में संरक्षक राना दिनेश प्रताप सिंह, कपिलदेव सिंह ‘मम्मू सिंह’, आशीष सिंह, डॉ. नवीन श्रीवास्तव, पूर्व प्रमुख बेचू सिंह, रानी आशिमा सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष नीलम सिंह राना सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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