महादेवा (बस्ती)। बनकटी विकास क्षेत्र के बघाड़ी गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस ने श्रद्धालुओं को भक्ति, प्रेरणा और जीवन मूल्यों का गहरा संदेश दिया। वृंदावन से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य श्री उत्कर्ष पांडेय ने युवाओं को नशामुक्त जीवन अपनाने और सद्कर्मों की राह पर चलने का आह्वान किया।
कथा में गोकर्ण और धुंधकारी के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि नशा किस प्रकार व्यक्ति को पतन की ओर ले जाता है। धुंधकारी का उदाहरण देते हुए कहा कि व्यसन मनुष्य से सुख, शांति और सम्मान छीन लेता है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण और आत्मविकास में लगाएं, न कि नशे जैसे विनाशकारी रास्तों में।
कथा के दौरान श्रीमद्भागवत की महिमा का भी उल्लेख किया गया। आचार्य पांडेय ने बताया कि मृत्यु के बाद धुंधकारी प्रेत योनि को प्राप्त हुआ, परंतु गोकर्ण द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से उसे भी मुक्ति मिल गई। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में वह दैवीय शक्ति है, जो जीवित ही नहीं, बल्कि अधम से अधम प्रेत को भी मोक्ष प्रदान कर सकती है।
कथा के सफल आयोजन से क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना हुआ है। तृतीय दिवस की कथा के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है।
आयोजक बलराम प्रसाद शुक्ल ने सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राजेश शुक्ल, सर्वेश उपाध्याय, गंगेश शुक्ल, सुरेश तिवारी, शिखर, विश्वास, बृजेश शुक्ल, ओम प्रकाश शुक्ल सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

No comments:
Post a Comment