बस्ती। भारतीय कुर्मी महासभा ने लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर बुधवार को पटेल एस.एम.एच. हास्पिटल, गोटवा में संगोष्ठी का आयोजन किया।
जिलाध्यक्ष डा. विजय कुमार वर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि आज़ादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी 562 रियासतों को एकीकृत करना। कई रियासतें अलग देश बनने की जिद पर अड़ी थीं, लेकिन सरदार पटेल की रणनीतिक कुशलता और दृढ़ इच्छाशक्ति ने “एक भारत” का सपना साकार किया। उन्होंने विशेष रूप से हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने के प्रयासों का उल्लेख किया, जो बिना बड़े संघर्ष के संभव हुए। उन्होंने युवाओं को ऐसे महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की अपील की।
कार्यक्रम में प्रदेश संगठन सचिव आर.के. सिंह पटेल, बद्री प्रसाद चौधरी, डॉ. आलोक रंजन, मंडल उपाध्यक्ष इं. के.सी. चौधरी, प्रमोद चौधरी, अशोक चौधरी सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सरदार पटेल ने किसानों, मजदूरों और आम जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और राजनीति का असली मतलब सेवा, न कि सत्ता, बताया। उनका जीवन सरल था, लेकिन विचार कठोर थे। वे मानते थे कि राष्ट्र निर्माण शब्दों से नहीं, कर्म से होता है।
कार्यक्रम में अशोक वर्मा, विद्यासागर चौधरी, इंद्रजीत चौधरी, घनश्याम चौधरी, कृपाशंकर चौधरी, मायाराम चौधरी, डॉ. श्याम नारायण चौधरी, आज्ञाराम चौधरी के साथ ही भारतीय कुर्मी महासभा के कई पदाधिकारी, सदस्य और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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