गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विज्ञान भारती द्वारा विभिन्न प्रेरणादायक कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत सरस्वती शिशु मंदिर (10+2), पक्कीबाग, गोरखपुर में एक विशेष आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को विज्ञान तथा भारतीय पारंपरिक ज्ञान के समन्वय की ओर प्रेरित करना था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विज्ञान भारती, गोरक्ष प्रान्त के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र प्रताप कोहली रहे। उन्होंने कार्यक्रम के प्रमुख विषय पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए दो आगामी राष्ट्रीय आयोजनों की जानकारी दी।
डॉ. कोहली ने बताया कि पहला आयोजन “भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन” 6 से 9 दिसम्बर 2025 तक चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। इच्छुक विद्यार्थी इस सम्मेलन हेतु अपने शोध पत्र का सारांश हिन्दी या अंग्रेजी में भेज सकते हैं।
दूसरा आयोजन “भारतीय विज्ञान सम्मेलन” 26 से 29 दिसम्बर 2025 तक तिरुपति में होगा। इसमें कक्षा 6 से 11 तक के विद्यार्थी "अपने ग्राम, समाज, अपने पूर्वजों की विरासत और पारम्परिक जीवन मूल्य" विषय पर 15 नवम्बर 2025 तक अपने पोस्टर, प्रोजेक्ट, मॉडल या शोध पत्र (अधिकतम 300 शब्दों में, हिन्दी भाषा में) भेज सकते हैं।
डॉ. कोहली ने बताया कि चयनित प्रतिभागियों के यात्रा और आवास की सम्पूर्ण व्यवस्था विज्ञान भारती द्वारा की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए विद्यार्थी विद्यालय के आचार्य श्री राम केवल शर्मा और श्री प्रियांशु जायसवाल से संपर्क कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान एक शैक्षणिक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें "परमाणु मिलकर अणु बनाते हैं, यानी तत्व मिलकर यौगिक बनाते हैं" जैसे मूलभूत वैज्ञानिक सिद्धांतों को बाल एवं स्टिक मॉडल की सहायता से रोचक ढंग से समझाया गया।
दोनों आयोजनों का विस्तृत विवरण पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से डॉ. योगेन्द्र प्रताप कोहली ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह ने कराया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे और इस पहल की सराहना की।

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