- धर्म जीवन को बनाता है उदार : आचार्य रामेश्वर नारायण
बस्ती। धर्म हमारे जीवन को उदार और सार्थक बनाता है। श्रीराम कथा के प्रत्येक पात्र जीवन को सहज और सद्पथ पर चलने का संदेश देते हैं। यह विचार कथा व्यास आचार्य रामेश्वर नारायण ने बहादुरपुर विकास खंड के नारायणपुर बढईपुरवा गांव में आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए।
आचार्य ने कहा कि सृष्टि में जब-जब अनीति, कुविचार और अधर्म का विस्तार होता है, तब-तब ईश्वर विभिन्न रूपों में अवतरित होकर जगत का मार्गदर्शन करते हैं। संसार में जो कुछ दृश्य-अदृश्य है, उसमें परमात्मा का वास है और यही सृष्टि ईश्वर की इच्छा से संचालित हो रही है। जीव का धर्म है कि वह सहजता से शिव में विलीन होने का प्रयास करे, जिससे जीवन और जगत दोनों का कल्याण हो।
‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ और हनुमान जी की आराधना से कथा का प्रारंभ करते हुए महात्मा जी ने कहा कि ‘सियाराम मय सब जग जानी’, अर्थात जगत में ऐसा कुछ भी नहीं जो परमात्मा से भिन्न हो। भक्ति भाव ही नहीं, शत्रु भाव से भी जिसने परमात्मा को अपने चित्त में धारण किया, उसका भी कल्याण हुआ — रावण, कंस, हिरण्यकश्यप जैसे उदाहरण इसका प्रमाण हैं।
श्रीराम नाम की महिमा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि श्रीराम ने रावण का वध किया, किंतु श्रीराम नाम ने युगों-युगों से करोड़ों जीवों का उद्धार किया है। यह नाम अनंत महिमा से परिपूर्ण है, और इसका अनुभव वही कर सकता है जिसके जीवन में भक्ति, करुणा और उदारता का समावेश हो।
भगवान शिव को श्रीराम कथा का प्रथम आचार्य बताते हुए उन्होंने कहा कि शिव की कृपा के बिना श्रीराम के हृदय में प्रवेश संभव नहीं। भक्ति मार्ग में हर कदम पर परीक्षा होती है, और शिव व हनुमान की कृपा से ही श्रीराम से संबंध स्थापित होता है।
कथा के प्रथम दिन मुख्य यजमान के रूप में रणजीत सिंह उर्फ पल्लू सिंह, लालजीत सिंह और सर्वजीत सिंह ने विधिवत पूजा-अर्चना कर कथा व्यास का स्वागत किया।
कार्यक्रम में संरक्षक राना दिनेश प्रताप सिंह, कपिलदेव सिंह ‘मम्मू सिंह’, आशीष सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष नीलम सिंह राना, जगनरायण पांडेय, चंद्रमणि मिश्र, घनश्याम सिंह, ओमप्रकाश सिंह, महंथ सिंह, नरेन्द्र प्रताप पांडेय, इन्द्रजीत सिंह ‘पप्पू’, रामदुलारे सिंह, राधेकृष्ण सिंह, पवन उपाध्याय, बलवन्त यादव, दिलीप शर्मा, अनिल सिंह, रामकरन यादव, विनोद सिंह, गोविन्द, जगराम शर्मा, श्याम विनय शर्मा, रंकज यादव, माडल शर्मा, मोहन यादव, राजदेव, हरिप्रसाद, रवि प्रकाश, पवन यादव, अजय यादव, शुभम सिंह, अविनाश सिंह, विजय श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, गुड्डू दूबे, राधिका सिंह, मिथलेश सिंह, डाली सिंह, मंजू, मीरा, गीता देवी, लक्ष्मी सिंह समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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