लखनऊ। इंडियन हेल्पलाइन सोसाइटी (रजि.) द्वारा संचालित सेवा प्रकल्प बृज की रसोई के अंतर्गत प्रत्येक रविवार की परंपरा के अनुसार आज आशियाना, लखनऊ में अकिंचन, निराश्रित एवं निर्धन बच्चों के लिए निःशुल्क भोजन वितरण कार्यक्रम हर्ष, करुणा और सौहार्द के साथ संपन्न हुआ। आज के पौष्टिक भोजन में छोला–चावल और मिष्ठान में हलुआ परोसा गया। यह सद्भावनापूर्ण सेवा प्रेरणाश्रोत बाबा नीम करौली जी की कृपा और प्राणी–मात्र सेवा के संकल्प पर आधारित रही।
देवांश रस्तोगी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना एवं सेवा–संकल्प के साथ हुई, जिसके बाद बच्चों एवं बुजुर्गों को गरम, ताज़ा और पौष्टिक भोजन ससम्मान परोसा गया। दीपक भुटियानी के अनुसार सेवा-भाव का वातावरण हर स्थान पर स्पष्ट रूप से दिखा। जहाँ भोजन पाकर नन्हें चेहरों पर प्रसन्नता झलकी, वहीं स्वयंसेवकों के मन में मानवीय संतोष और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति भी देखने को मिली।
आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कई बच्चों ने मुस्कान के साथ अपनी थाली आगे बढ़ाई, जबकि कुछ ने अपने हिस्से का भोजन मित्रों के साथ बाँटा। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि भोजन केवल भूख नहीं मिटाता, बल्कि विश्वास और जीवन–उम्मीद भी जगाता है। विकास पाण्डेय ने कहा कि छोटी-सी सहभागिता भी किसी जरूरतमंद के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकती है, और इसी उद्देश्य से सेवा-अभियान लगातार आगे बढ़ रहा है।
दिव्यांश शर्मा ने जानकारी दी कि आज का निःशुल्क भोजन वितरण सेक्टर–एम रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड पार्क, अंबेडकर विश्वविद्यालय के पास स्थित झुग्गी–झोपड़ियाँ, निर्माणाधीन भवनों में कार्यरत श्रमिकों के अस्थायी आवास, नगर निगम जोन–8 की मलिन बस्तियाँ और रतनखंड पानी टंकी क्षेत्र सहित कई स्थानों पर संपन्न हुआ। इस दौरान लगभग 1550 जरूरतमंदों को सप्रेम भोजन परोसा गया।
कार्यक्रम में देवांश रस्तोगी, दीपक भुटियानी, आशीष श्रीवास्तव, विकास पाण्डेय, नवल सिंह, मुकेश कनौजिया, दिनेश पाण्डेय, अजय कुमार और दिव्यांश शर्मा सहित अनेक समाजसेवियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने कहा कि “हम भोजन नहीं बाँटते, हम संवेदनशीलता, करुणा और एक सुरक्षित कल की आशा वितरित करते हैं।” उन्होंने समाज के जागरूक नागरिकों से आह्वान किया कि वे आगे भी इस सेवा-यात्रा के सहभागी बनें, क्योंकि सामूहिक संकल्प ही भूख और असमानता के विरुद्ध सबसे प्रभावी हथियार है। संस्था ने बताया कि यह मानवता-आधारित सेवा भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रहेगी।

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