गोरखपुर। राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज सरस्वती विद्या मंदिर, आर्यनगर गोरखपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘आज आज़ाद भारत में भी वंदे मातरम् की प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक है। यह गीत हमें यह स्मरण कराता है कि हमारा राष्ट्र केवल सीमाओं से नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, भावनाओं और कर्तव्यबोध से निर्मित हुआ है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘वंदे मातरम् नवभारत के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें हर नागरिक अपने भीतर भारत माता के प्रति श्रद्धा, सेवा और समर्पण की भावना को जीवंत रखता है। यही भावना भारत को “वसुधैव कुटुम्बकम्” के संदेशवाहक के रूप में प्रतिष्ठित करती है।’
सहजानंद राय ने राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा की आवाज है। गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारत को इसी गीत ने आज़ादी की राह दिखाई। जब-जब देश पर संकट आया, यह गीत हर भारतीय के हृदय में नई ऊर्जा, साहस और एकता का संचार करता रहा।’
कार्यक्रम के संयोजक बृजेश मणि मिश्रा थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, डॉ. सत्येन्द्र सिन्हा, पुष्पदंत जैन, अंतरराष्ट्रीय भजन गायक राकेश श्रीवास्तव, शिवजी सिंह, अनुपमा पाण्डेय, रंजूला रावत, पदमा गुप्ता, श्वेता श्रीवास्तव, पूजा गुप्ता, राजेन्द्र तिवारी, राधेश्याम रावत, विपुल त्रिपाठी, राहुल गुप्ता, वीरेंद्र पांडेय, अच्युतानंद शाही, नवीन पांडेय (बच्चा), इन्द्रमणि उपाध्याय, रणविजय शाही, कृष्ण कुमार, अजय मणि त्रिपाठी, आनंद अग्रहरी, कृष्ण कुमार मिश्र, शिवम पांडेय, अमित कुमार श्रीवास्तव, शिशिर वर्मा, प्रदीप सिंह और अष्टभुजा श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन से पूरा परिसर देशभक्ति के स्वर से गूंज उठा और “वंदे मातरम्” के उद्घोष ने कार्यक्रम स्थल को मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और गर्व की भावना से सराबोर कर दिया।

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