संतकबीरनगर। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता ने जनपद के किसानों को सूचित किया है कि जिले के सभी 09 विकास खंडों में कुल 70 सहकारी समितियों और 70 सहकारिता क्षेत्र के उर्वरक बिक्री केंद्रों (कुल 140 केंद्र) के माध्यम से उर्वरक बिक्री का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जनपद में सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत उर्वरक वितरण का लक्ष्य यूरिया 18,506 मीट्रिक टन और फास्फेटिक 7,484 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष अब तक जनपद में यूरिया 6,403 एमटी और फास्फेटिक 6,370 एमटी उपलब्ध कराई गई है। इनमें से यूरिया 1,706 एमटी तथा फास्फेटिक 2,462 एमटी का वितरण किसानों के बीच किया जा चुका है। शेष उर्वरक को पीसीएफ द्वारा बिक्री केंद्रों पर भेजा जा रहा है।
सहायक निबंधक ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार समितियां सर्वप्रथम अपने क्षेत्र के सदस्य किसानों को उनकी जोत के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराएंगी। एक किसान को उसकी कृषि भूमि के प्रति हेक्टेयर के आधार पर अधिकतम फास्फेटिक 5 बैग और यूरिया 7 बैग की मात्रा ही दी जाएगी।
उन्होंने किसानों से अपील की है कि उर्वरक खरीदते समय रसीद अवश्य प्राप्त करें। सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों की बिक्री दरें इस प्रकार निर्धारित की गई हैं यूरिया: 266.50 नकद प्रति बैग, डीएपी: 1350 नकद प्रति बैग, एनपीकेएस: 1350 से 1500 नकद प्रति बैग। अधिकारी ने यह भी बताया कि जनपद की कुछ निष्क्रिय सहकारी समितियों या जिन्हें उर्वरक आपूर्ति नहीं हो पा रही, उन्हें अस्थायी रूप से पास की सक्रिय समितियों से जोड़ा गया है, ताकि किसान बंधुओं को उर्वरक प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।
उन्होंने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि सभी पात्र किसानों को समय पर और पारदर्शी तरीके से उर्वरक उपलब्ध कराया जाए, जिससे रबी सीजन की खेती प्रभावित न हो सके।

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