- समान पेंशन कानून बने, तभी मिले न्याय : मदन मुरारी शुक्ल
गोरखपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक शुक्रवार को विकास भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गोविंद जी श्रीवास्तव ने की तथा संचालन मंत्री सुनील सिंह ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए वर्षों से संघर्ष हो रहा है, लेकिन अब यह आंदोलन आजादी की लड़ाई की तरह चलाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सभी कर्मचारी संगठन एकजुट होकर क्रांति का बिगुल फूंकें, तो सरकार को झुकना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पेंशन हमारे बुढ़ापे की लाठी है, लेकिन आज कर्मचारी वर्ग इससे वंचित है। वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों को एक नहीं बल्कि चार-चार पेंशन मिल रही हैं। हाईकोर्ट के जज को पुरानी पेंशन मिलती है, लेकिन उनके अधीन कार्य करने वाला अर्दली उससे वंचित है—यह अत्यंत विडंबनापूर्ण है, उन्होंने कहा।
रूपेश ने यह भी कहा कि संविधान में सरकार के तीन अंग हैं —व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। व्यवस्थापिका ने अपने लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था कायम रखी, लेकिन कार्यपालिका को इससे बाहर कर दिया गया। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है और इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने जोर देकर कहा।
विशिष्ट अतिथि मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि जिस तरह देश में समान नागरिक संहिता (UCC) की बात की जा रही है, उसी तरह समान पेंशन व्यवस्था कानून भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू कर सरकार कर्मचारियों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को आर्थिक असुरक्षा से मुक्त करे।
अंत में अध्यक्ष गोविंद जी श्रीवास्तव ने पुरानी पेंशन बहाली की अपील करते हुए बैठक की समाप्ति की घोषणा की।
बैठक में अशोक कुमार पांडे, श्याम नारायण शुक्ल, बंटी श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, अनूप कुमार, इजहार अली, वरुण वर्मा, राजेश मिश्रा, इ. हरि नारायण कुशवाहा, शैलेन्द्र सिंह, हर्ष त्रिपाठी, तेज प्रताप शाही, ओंकार नाथ राय, आलोक सिंह, जामवंत पटेल, फुलई पासवान, रामधनी पासवान आदि उपस्थित रहे।

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