बस्ती। रविवार को उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रेस क्लब सभागार में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह ने की। बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी (TET) की अनिवार्यता संबंधी आदेश के बाद बनी स्थिति और शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि संघ आगामी 25 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय रैली में बस्ती से निर्णायक भागीदारी करेगा। इस रैली का आयोजन शिक्षक संगठनों के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर किया जा रहा है।
प्रदेश संयुक्त मंत्री वागीश दत्त पाण्डेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून का परिणाम है, इसलिए इस समस्या का समाधान भी केंद्र सरकार को ही करना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार 2006 में अनुदानित हुए विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 से पूर्व की है, फिर भी इन्हें पुरानी पेंशन से वंचित रखा गया है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा कि शिक्षक दोहरी चिंता में हैं – एक ओर वे पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टीईटी की अनिवार्यता ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है। उन्होंने सभी शिक्षकों से 25 नवम्बर की रैली में शामिल होने का आह्वान करते हुए विश्वास जताया कि यह लड़ाई जीत की ओर अग्रसर है।
उपाध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने सरकार द्वारा लिए गए विकल्प पत्र को अनुचित बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से शिक्षकों को पुरानी पेंशन से वंचित किया गया। संगठन मंत्री सत्यकाम ने संगठन की एकता को जरूरी बताया, वहीं संरक्षक वीरेंद्र मिश्र ने शिक्षकों से संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की।
संरक्षक लखपत सिंह ने बताया कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और सरकार द्वारा जारी आदेश शिक्षकों के पक्ष में हैं, लेकिन प्रशासनिक अड़चनें समस्या बनी हुई हैं। संरक्षक उदयभान सिंह ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
कोषाध्यक्ष धर्मराज चौधरी और महामंत्री गोपीनाथ मिश्र ने संगठन की एकता और पुरानी पेंशन की आवश्यकता पर जोर देते हुए शिक्षकों से एकजुट होकर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की।
बैठक में सुमन त्रिपाठी, मनोज कुमार यादव, विजय कुमार सिंह, सतीश नारायण सिंह, हरिराम यादव, सूर्यप्रकाश, परशुराम, राम मूर्ति यादव, राम अवध, भानु प्रताप शुक्ल, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. राजेन्द्र सिंह समेत कई शिक्षक और संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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