कथावाचक अनिरुद्धाचार्य , राधाबल्लभ सम्प्रदाय के मनीषी सन्त प्रेमानंद जी के बाद अब साध्वी ऋतंभरा के प्रवचन ने आम जनमानस में नई मुहिम छोड़ रखी है। अब एक पति, पिता और भाई भी इन तथ्यों को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। जो खून के रिश्ते वाले ये आत्मीयजन नहीं कर सके उसे कुछ सनातन ऋषियों- संतों और प्रेमियों ने कर के दिखा दिया है।
साध्वी ऋतम्भरा की मुहिम:-
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बाद अब साध्वी ऋतंभरा का युवा युवतियों पर दिए बयान से चर्चा बढ़ गई है। रीलबाज महिलाओं को लेकर साध्वी ऋतंभरा ने बयान काफी चर्चा में हैं। उन्होंने हिंदू लड़कियों के पहनावे और अन्य चीजों पर एक प्रवचन के दौरान कटाक्ष किया।उन्होंने खासकर रील बनाने वाली और छोटे पहनने वाली लड़कियों को निशाने पर लिया। साध्वी जी ने कहा कि “ये देखकर शर्म आती है कि लड़कियों पैसा कमाने के लिए कैसे-कैसे गंदे काम करती हैं।उनके पिता और पति ये बर्दाश्त कैसे कर लेते हैं।” उन्होंने कहा कि नंगे होकर और गंदे ठुमके लगाकर पैसा कमाओगे। जिस घर के अंदर गंदी कमाई आती है, तो पितर, पितर लोक में तड़पने लगते हैं। मर्यादित जीवन होना चाहिए। हे भारत की देवियों तुम चाहो तो कर सकती हो । तुम चाहो तो राक्षसों के घर में देवताओं को जन्म दे सकती हो। तुमने प्रहलाद का जन्म हिरणाकश्यप के घर देकर यह सिद्ध भी कर दिया है । तुमने कयाधू बनकर हिरण्यकशिपु के घर में प्रह्लाद को जन्म दिया । अगर तुम न चाहो तो विश्रवा ऋषि के घर में रावण जैसा राक्षस पैदा हो सकता है।
अनिरुद्धाचार्य ने कहा था :-
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के लड़कियों की उम्र को लेकर बड़बोलेपन शब्द बोल दिए थे, जिस पर जमकर बवाल हुआ था। उनके कुछ शब्द कुछ लोगों को आपत्ति जनक लगे थे। अपनी फजीहत देखकर बाद में उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी । उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह महिलाओं का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने सफाई में कहा कि उनका बयान आम महिला पर ना होकर कुछ महिला पर था। उनका कहना था कि उनका बयान ऐसी लड़कियों के लिए था जो पराये पुरुष के लिए अपने पति को मार देती हैं।
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा था :-
आजकल के समय में लोगों के चरित्र में हो रही गिरावट को लेकर चिंता जताते हुए प्रेमानंद जी कहा था कि 'शादी के परिणाम अच्छे आएंगे कैसे? आजकल बच्चे और बच्चियों का चरित्र पवित्र नहीं है?माताओं- बहनों का पहले रहन-सहन देखो।हम अपने गांव की बता रहे हैं। वह बूढ़ी थीं, लेकिन इतने नीचे तक पल्लू था।' कहा, 'आजकल के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं? कैसा आचरण कर रहे हैं? एक लड़के से ब्रेकअप। फिर दूसरे से व्यवहार। फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से व्यवहार। व्यवहार- व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है, कैसे शुद्ध होगा?
प्रेमानंदजी महाराज ने चरित्र के पीछे खानपान और व्यभिचार का उदाहरण देते हुए कहा, 'मान लो हमें चार होटल का भोजन खाने की आदत पड़ गई है, तो घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा। इसी तरह जब चार पुरुष से मिलने का आदत पड़ गई है, तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी। लड़कों के संदर्भ में भी उन्होंने यही बात कही। उन्होंने कहा, 'जब चार लड़कियों से व्यभिचार करता है तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रहेगा। उसे चार से व्यभिचार करना पड़ेगा, क्योंकि उसने आदत बना ली है। हमारी आदतें खराब हो रही हैं।'
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी, मनीषी सन्त प्रेमानंद जी और साध्वी ऋतंभरा द्वारा लड़कियों पर दिए गए बयान के बाद एक बार फिर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर रील बनाने वाली महिलाओं की लोग आलोचना कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके समर्थन में भी लोग दिखाई दे रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो पर विरोध और समर्थन में तरह-तरह के कमेंट आने लगे हैं।
लेखक परिचय:-
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।
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