गोरखपुर। यात्रियों के मांग के अनुरूप ट्रेनों के सुगम परिचालन हेतु भारतीय रेल पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। महाप्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे सुश्री सौम्या माथुर के कुशल मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर रेलवे पर भी रेल खंडों का दोहरीकरण, तीसरी लाइन, नई रेल लाइन, स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ ही ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।
वर्तमान वित्त वर्ष में पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के गोविन्दनगर-टिनिच-गौर-बभनान (24.64 किमी.) खंड की ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली की कमीशनिंग का कार्य 19 अगस्त, 2025 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। कमीशनिंग के उपरान्त अप साइड से पहली यात्री ट्रेन 15651 गुवाहाटी-जम्मूतवी एक्सप्रेस इस खंड से चलाई गई। यह कार्य बहुत ही सुगम तरीके से बिना किसी ट्रेन परिचालन को प्रभावित किये सम्पन्न किया गया। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे पर अब तक 126.57 रूट किमी. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है, जो इस रेलवे के लिये विशेष उपलब्धि है।
गोविन्दनगर-बभनान खंड के ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य पूरा होने पर लखनऊ मंडल में डोमिनगढ़ से बभनान तक 90.36 किमी. तथा वाराणसी मंडल में कुसम्ही से देवरिया सदर तक 36.21 किमी. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इस कार्य के पूर्ण होने से अधिक ट्रेनों का संचलन सम्भव हुआ है, साथ ही लाइन क्षमता में वृद्धि के साथ ही साथ ट्रेनों के समय-पालन में भी सुधार होगा।
पूर्वोत्तर रेलवे पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम की शुरुआत गत वित्त वर्ष 2024-25 के आरम्भ में जगतबेला-मगहर (14.65 किमी.) खंड के कमीशनिंग के साथ हुई, जिसके बाद लगातार आगे बढ़ते हुये गत वित्त वर्ष के अन्त तक इस रेलवे ने 100 किमी. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली पूरा करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त किया था। ऑटोमेटिक खंडों पर ट्रेनें सुगमतापूर्वक एवं संरक्षित तरीके से चल रही हैं।
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