बस्ती। पी0एम0 सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अन्तर्गत प्रचार-प्रसार हेतु मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह एवं जिलाधिकारी रवीश गुप्ता द्वारा प्रचार-प्रसार वाहन को आयुक्त कार्यालय बस्ती मण्डल बस्ती से हरी झण्डी दिखाकर प्रचार-प्रसार हेतु रवाना किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी सन्तकबीर नगर आलोक कुमार, जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर डॉ0 राजा गणपति आर, मुख्य विकास अधिकारी बस्ती सार्थक अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी सन्तकबीर नगर जयकेश त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर बलराम सिंह, परियोजना अधिकारी यूपी नेडा बस्ती डॉ0 राजमंगल चौधरी एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण एवं वेन्डर्स आरूही सर्विस, पूर्वादय एनर्जी सोल्यूशन, प्रकाश इन्टरप्राइजेज, वी0एम0 बैट्री हाउस, स्टार बैट्रीज एवं मेसर्स अभिषेक वर्मा उपस्थित रहें।
उक्त वेन्डर्स के प्रचार वाहन द्वारा बस्ती शहर के आयुक्त कार्यालय से शास्त्री चौक होते हुये गॉधी नगर मार्ग से रोडवेज, दक्षिण दरवाजा से रेलवे रोड एवं पुरानी बस्ती चौराहे से पाण्डेय बाजार होते हुये मंगल बाजार से मालवीय रोड, ब्लाक रोड घुमते हुये बडे़बन चौराहे तक में पोस्टर बैनर, पैम्फ्लेट एवं ऑडियो क्लिप के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया।
पी0एम0 सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अन्तर्गत लागत एवं अनुदान से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराते हुये बस्ती जनपद के जनता को जागरूक किया गया। सोलर रूफटाप से उत्पादित बिजली मुफ्त होगी, जिसका उपयोग उपभोक्ता अपने विद्युत आवश्यकता की पूर्ति हेतु कर सकेगा। केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष जनपद बस्ती में 15000 घरो पर सोलर रूफटाप संयंत्र की सुविधा स्थापित किया जाना लक्षित है, जिसमे अब तक बस्ती में मात्र 70़6 सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित हुये है। सोलर रूफटाप संयंत्रो की स्थापना हेतु प्रति किलोवाट 10 वर्ग मीटर छायारहित छत की आवश्यकता होती है। 01 किलोवाट के रूफटाप से औसतन प्रतिदिन 04-05 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वारा करने के उपरान्त अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है, जिसका नेट मीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में समायोजन सम्बन्धित डिस्कॉम द्वारा किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रो की स्थापना में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 03-04 वर्षो में हो जाती है। संयंत्र का जीवनकाल लगभग 25 वर्ष का होता है।
अतः शेष 21 वर्ष तक संयंत्र से उत्पादित विद्युत उपभोक्ता को निःशुल्क प्राप्त होती रहेगी। इस हेतु केन्द्र सरकार के अनुदान के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जा रहा है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान संयंत्र क्षमता 01 कि0वाट पर केन्द्रानुदान 30000 व राज्यांश 15000 कुल अनुदान 45000 है। इसी प्रकार संयंत्र क्षमता 02 कि0वाट पर केन्द्रानुदान 60000 व राज्यांश 30000 कुल अनुदान 90000 तथा संयंत्र क्षमता 03 कि0वाट पर केन्द्रानुदान 78000 व राज्यांश 30000 कुल अनुदान 108000 है।
01 से 10 किलोवाट क्षमता के संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवाट रू0-60 से 65 हजार प्रति किलोवाट के मध्य आता है। संयंत्र की स्थापना के उपरान्त केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु नेशनल पोर्टल http://pmsuryaghar.gov.in/ij ऑनलाइन आवेदन करना होता है। लाभार्थियों के लिए आरटीएस सिस्टम लगाने हेतु इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर नंबर एवं अन्य आवश्यक विवरण के साथ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें, रजिस्ट्रेशन के बाद रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने के लिए आवेदन जमा किया जा सकता है, आवेदन को तकनीकी चेक के लिए संबंधित डिस्कॉम को आगे दिया जायेगा, विक्रेता चयन और विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच समझौता प्रस्तुत किया जाना चाहिए, एक बार डिस्कॉम्स द्वारा अनुमति मिलने के बाद, आवेदक सिस्टम की स्थापना करवा सकता है तथा सिस्टम लग जाने के बाद, आवेदक नेट मीटरिंग के लिए आवेदन करेगा, डिस्कॉम के अधिकारी निरीक्षण करेंगे और सारी जरूरत पूरी होने के बाद ही नेट मीटर लगाया जाएगा, नेट मीटर लगाने के वाद डिस्कॉम द्वारा कमीशनिंग प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा, आवेदक को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अपने बैंक का विवरण देना आवश्यक होगा एवं पैनल में शामिल विक्रेता से सोलर रूफटॉप संयंत्र लेना अनिवार्य है।
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