- ग्राम पंचायत बनके गांव में सेम तरीके से हो रहा भ्रष्टाचार
सिद्धार्थनगर (खेसरहा)। ग्राम पंचायत बनके गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत एक और हो रहें घोटाला का खुलासा हुआ है। यहां 49 मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर, बिना किसी कार्य के फर्जी फोटो अपलोड कर लाखों रुपये का हो रहा भ्रष्टाचार स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मजदूरों की अटेंडेंस जमीनी कार्य के बिना फर्जी फोटो से पोर्टलपर मनमानी तरीके से अटेंडेंस लगाकर किया जा रहा फर्जीवाड़ा इसमें ग्राम पंचायत सचिव और विडिओं की संलिप्तता के चलते नहीं होती कोई कार्रवाई। अब सवाल यहं उठता है क्या इतना बड़ा घोटाला सिर्फ स्थानीय स्तर पर संभव है या इसमें जिले के उच्च अधिकारियों की भी भूमिका या अनदेखी है? क्या सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति और ओमप्रकाश राजभर जैसे नेताओं के दावे सिर्फ भाषणों तक सीमित हैं? यह पहली बार नहीं है जब मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ रहीं हैं। लेकिन इस बार का मामला व्यापक स्तर पर है, जहां सैकड़ों मजदूरों का नाम और फोटो उपयोग कर, उनके नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रशासन से सवाल क्या अब भी जिम्मेदार अधिकारी जांच करेंगे या फाइलों में यह मामला दबा दिया जाएगा? क्या इस तरह के फर्जी भुगतान की राशि वसूली की जाएगी? क्या दोषी कर्मियों पर विभागीय व कानूनी कार्रवाई होगी? खेसरहा ब्लॉक में मनरेगा का पैसा इस तरह लुटता रहा तो गरीब मजदूरों को काम कहां मिलेगा और योजना का उद्देश्य ही क्या रह जाएगा? अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करता है या फिर चुप्पी साधे रखता है।
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