फाउण्डेशन के जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव के आवाह्न पर संस्था से जुड़ी महिला सहयोगियों ने पोस्टर बनाकर लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। महिलायें समाज को संदेश दे रही हैं कि मासिक धर्म हमारा अभिमान है। उसी की वजह से मै एक मां हूं और मुझे मातृत्व का गौरव मिला। जिला अस्पताल में वार्ड आया अनू सिंह ने कहा पीरियड के दौरान महिलायें सेहत का ध्यान रखे और कपड़े का इस्तेमाल कतई न करें। एलटी कामिनी सिंह ने कहा मै जननी हूं और हमे गर्व है कि हमे पीरियड्स आते हैं।
जिला अस्पताल ब्लड बैंक की पीआरओ अंजू सिंह ने कहा ‘‘मासिक चक्र से न रहो अंजान, करो स्त्री शक्ति पर अभिमान।’’ ब्लड बैंक की परामर्शदाता कीर्ति आनंद ने कहा ’’मासिक धर्म है एक प्राकृतिक क्रिया, क्यों करते हैं लोग संकोची प्रतिक्रया।’’ लैब अटेन्डेन्ट अनुराधा सिंह ने कहा कि हमे गर्व है सृष्टि को संचालित करने में हमारा भी योगदान है। समाजसेवी डा. सिम्मी भाटिया ने सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जागरूक करते हुये कहा कि ‘‘न शर्म है न अभिशाप, मासिक धर्म है नारी का ताप।’’
ऐसे तमाम स्लोगन लिखकर फाउण्डोशन से जुड़ी महिलायें लोगों को जागरूक कर रही हैं। अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि फाउण्डेशन की ओर से यह कार्यक्रम 30 जून तक संचालित किया जायेगा। संस्थापक रंजीत श्रीवास्तव ने कहा मासिक धर्म के प्रति समाज को अपना घटिया ख्याल बदलना होगा। नारी के लिये इससे बड़ी गौरव की बात नही हो सकती। मासिक धर्म ही वह प्राकृतिक उपहार है जो नारी को सम्पूर्ण परिपक्व बनाता है। अभियान को सफल बनाने में डज्ञ. रीता पाण्डेय, डा. वाहिद सिद्धीकी, डा. अजीत श्रीवास्तव, अरूण कुमार, राजेश कुमार ओझा, नीतेश श्रीवास्तव, रणविजय सिंह, पवन चौधरी, आदि का सहयोग मिल रहा है।
जिला अस्पताल ब्लड बैंक की पीआरओ अंजू सिंह ने कहा ‘‘मासिक चक्र से न रहो अंजान, करो स्त्री शक्ति पर अभिमान।’’ ब्लड बैंक की परामर्शदाता कीर्ति आनंद ने कहा ’’मासिक धर्म है एक प्राकृतिक क्रिया, क्यों करते हैं लोग संकोची प्रतिक्रया।’’ लैब अटेन्डेन्ट अनुराधा सिंह ने कहा कि हमे गर्व है सृष्टि को संचालित करने में हमारा भी योगदान है। समाजसेवी डा. सिम्मी भाटिया ने सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जागरूक करते हुये कहा कि ‘‘न शर्म है न अभिशाप, मासिक धर्म है नारी का ताप।’’
ऐसे तमाम स्लोगन लिखकर फाउण्डोशन से जुड़ी महिलायें लोगों को जागरूक कर रही हैं। अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि फाउण्डेशन की ओर से यह कार्यक्रम 30 जून तक संचालित किया जायेगा। संस्थापक रंजीत श्रीवास्तव ने कहा मासिक धर्म के प्रति समाज को अपना घटिया ख्याल बदलना होगा। नारी के लिये इससे बड़ी गौरव की बात नही हो सकती। मासिक धर्म ही वह प्राकृतिक उपहार है जो नारी को सम्पूर्ण परिपक्व बनाता है। अभियान को सफल बनाने में डज्ञ. रीता पाण्डेय, डा. वाहिद सिद्धीकी, डा. अजीत श्रीवास्तव, अरूण कुमार, राजेश कुमार ओझा, नीतेश श्रीवास्तव, रणविजय सिंह, पवन चौधरी, आदि का सहयोग मिल रहा है।
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