प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास
गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने उपस्थित लोगों का अभिवादन करते हुए बाबा महेंद्र नाथ और बाबा हंसनाथ को नमन किया और सोहगरा धाम की पवित्र उपस्थिति का स्मरण किया। उन्होंने मां थावे भवानी और मां अंबिका भवानी को भी नमन किया। प्रधानमंत्री ने देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नमन किया।
श्री मोदी ने सीवान को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रेरक भूमि बताया। उन्होंने कहा कि इस भूमि ने देश के लोकतंत्र को सशक्त बनाया है और संविधान को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि सीवान ने देश को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में एक महान सपूत दिया, जिन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने और देश की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने महान समाज सुधारक ब्रज किशोर प्रसाद के रूप में सीवान के योगदान को भी स्वीकार किया, जिन्होंने अपना जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।
श्री मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी महान हस्तियों के मिशन को केंद्र और राज्य सरकार दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम ऐसे ही निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है जिसमें एक ही मंच से हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ये विकासात्मक पहल बिहार को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएंगी और बिहार को एक समृद्ध राज्य बनाने में योगदान देंगी। श्री मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं सीवान, सासाराम, बक्सर, मोतिहारी, बेतिया और आरा जैसे क्षेत्रों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएंगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये पहल गरीबों, वंचितों, दलितों, महादलितों, पिछड़े और अति पिछड़े समुदायों के जीवन को आसान बनाएंगी। उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को हार्दिक बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के प्रत्येक निवासी के लिए स्वाभिमान सर्वाेपरि है। उन्होंने कहा कि मेरे बिहारी भाई-बहन असाधारण सुदृढ़ता का प्रदर्शन करते हैं और सबसे कठिन परिस्थितियों में भी सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करते। हालांकि, पिछली सरकारों ने बिहार के गौरव को बहुत ठेस पहुंचाई। उन्होंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए इन सरकारों की आलोचना की, जिसने गरीबी को बिहार के दुर्भाग्य में बदल दिया। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्तमान सरकार बिहार को विकास के पथ पर वापस ले आई है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में बिहार में लगभग 55,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं जबकि 1.5 करोड़ घरों को नल का जल मिला है। श्री मोदी ने कहा कि राज्य भर में 45,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि अब बिहार के छोटे शहरों में नए स्टार्ट-अप उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के नारे लंबे समय से सुने जा रहे हैं, लेकिन ये उन्हीं की सरकार है जिसने यह साबित कर दिया कि गरीबी को कम किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘पिछले दशक में रिकॉर्ड 25 करोड़ भारतीयों ने गरीबी को मात दी है।‘‘ उन्होंने कहा कि विश्व बैंक जैसी विश्व प्रसिद्ध संस्थाओं ने भारत की इस उपलब्धि की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि बिहार और खासकर नीतीश कुमार की सरकार ने इस राष्ट्रीय सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले बिहार की आधी से ज्यादा आबादी अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आती थी। हालांकि, पिछले दस सालों में बिहार में करीब चार करोड़ लोगों ने गरीबी को मात दी है।
श्री मोदी ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में हमारी सरकार गरीबों के मार्ग से हर बाधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। परिणामस्वरूप, अब स्पष्ट और प्रभावशाली परिणाम सामने आ रहे हैं।‘‘ उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में, देश भर में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को सरकारी पहल के तहत पक्के घर मिले हैं और आने वाले वर्षों में अतिरिक्त 3 करोड़ घरों का निर्माण किया जाना है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि इस विकास से बिहार के गरीबों, दलितों, महादलितों, पिछड़े वर्गों और अत्यंत पिछड़े परिवारों को काफी लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकेले बिहार में 57 लाख से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सीवान जिले में गरीबों के लिए 1.10 लाख से अधिक घर पहले ही बनाए जा चुके हैं और यह काम बिना किसी रुकावट के चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में 50,000 से अधिक परिवारों को आवास की किस्तें वितरित की गईं। श्री मोदी ने इस बात पर विशेष संतोष व्यक्त किया कि इनमें से अधिकांश घर माताओं और बहनों के नाम पर पंजीकृत हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि जिन महिलाओं के नाम पर पारंपरिक रूप से कभी संपत्ति नहीं रही, वे अब गौरवान्वित गृहस्वामिनी बन रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों को न केवल आवास बल्कि मुफ्त राशन, बिजली और पानी की सुविधा भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश भर में 12 करोड़ से अधिक नए घरों को नल कनेक्शन दिया गया है। उन्होंने कहा कि अकेले सीवान जिले में 4.5 लाख से अधिक परिवारों को पहली बार नल का पानी मिला। श्री मोदी ने कहा कि सरकार हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन और शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में बिहार के विभिन्न शहरों में कई पाइपलाइन और सीवेज उपचार परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि अब दर्जनों नए शहरों के लिए नई पाइपलाइन और सीवेज उपचार संयंत्रों को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये सभी परियोजनाएं गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाएंगी।‘‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के प्रतिभाशाली युवा जमीनी स्तर पर हो रहे कामों का बारीकी से निरीक्षण और मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बिहार में एनडीए के विकास मॉडल के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में मढ़ौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि मढ़ौरा फैक्ट्री में निर्मित पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह कारखाना सारण जिले में है, जिसे पिछली सरकार ने कभी पिछड़ा हुआ करार दिया था। उन्होंने कहा कि आज इसी जिले ने वैश्विक विनिर्माण और निर्यात मानचित्र पर स्थान अर्जित किया है। प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास इंजन को रोकने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में बना इंजन अब अफ्रीका में ट्रेनों को शक्ति देगा। उन्होंने इसे बहुत गर्व का क्षण कहा। प्रधानमंत्री ने दृढ़ विश्वास के साथ कहा कि बिहार ‘मेड इन इंडिया‘ विनिर्माण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि न केवल मखाना, फल और सब्जियां जैसे स्थानीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे, बल्कि बिहार के कारखानों में निर्मित सामानों की भी दुनिया भर में मांग बढ़ेगी। श्री मोदी ने कहा, ‘‘बिहार के युवाओं के बनाए गए उत्पाद एक आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करेंगे।‘‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में विकसित किए जा रहे आधुनिक बुनियादी ढांचे बिहार की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में सड़कों, रेलवे, हवाई यात्रा और जलमार्गों में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार को लगातार नई ट्रेनें मिल रही हैं, जिनमें अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भी शामिल हैं। श्री मोदी ने एक बड़ी उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि सावन की शुरुआत से पहले बाबा हरिहरनाथ की धरती अब नई वंदे भारत एक्सप्रेस के माध्यम से बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि नई पटना-गोरखपुर वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल में भगवान शिव के भक्तों को आधुनिक यात्रा का विकल्प देगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह ट्रेन भगवान बुद्ध की तपस्थली और उनके महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम भी करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से न केवल बिहार में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के विकास से बिहार को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और अधिक प्रमुखता से उभरने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके परिणामस्वरूप बिहार के युवाओं के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की तीव्र प्रगति के लिए आवश्यक लॉन्चिंग पैड नीतीश कुमार के प्रयासों से पहले ही तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब उनके गठबंधन की जिम्मेदारी है कि वे मिलकर काम करें और बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। श्री मोदी ने बिहार के युवाओं पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि वे मिलकर राज्य के प्राचीन गौरव को बहाल करेंगे और बिहार को विकसित भारत के एक शक्तिशाली इंजन में बदल देंगे। उन्होंने चल रही विकास पहलों के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए अपने भाषण का समापन किया।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह, चिराग पासवान, नित्यानंद राय, राम नाथ ठाकुर, डॉ. राज भूषण चौधरी, सतीश चंद्र दुबे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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