गोरखपुर। आधुनिक भारत नए आत्मविश्वास के साथ खड़ा है और तिरंगा पूरी शान से लहरा रहा है भारतीय सेना की जवाबी कार्यवाही से हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा है।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान को जवाब है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक क्षमता का भी प्रमाण है। यह स्पष्ट करता है कि अब भारत आतंक को उनकी भाषा में जवाब देने से पीछे नहीं हटता।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 07 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया एक समन्वित सटीक हमला अभियान था। यह भारतीय भूभाग से तीनों सेनाओं के समन्वित प्रयासों से अंजाम दिया गया।
पिछले अभियानों के विपरीत जिनका उद्देश्य ताकत को दर्शाने के लिए आक्रामक नाम रखना था वही इस अभियान का नाम पीड़ितों विशेष कर पहलगाम हमले की विधवाओं के प्रति व्यक्तिगत श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पूरे ऑपरेशन पर रात भर नजर बनाए रहे। हमले खुफिया एजेंटीयों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर सटीक रूप से अंजाम दिए गए।
पहलगाम हमले के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे और देर शाम केबिनेट कमिटी आन सिक्योरिटी की बैठक ली। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को पाकिस्तान पर ठोस और निर्णायक जवाबी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तमाम विदेशी हथियारों के साथ ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का भी इस्तेमाल किया गया इस हमले में पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण एयरबेस ध्वस्त किए गए।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारतीय सेनाओं ने पीओके में स्थित 09 आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाकर दोस्त कर दिया। इस हमले का उद्देश्य भारत के खिलाफ हमले की योजना बनाने में इस्तेमाल किए गए आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।
ऑपरेशन सिंदूर भारत का पहला क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद विरोधी मिशन है जिसमें तीनों सेनन ने हिस्सा लिया। भारतीय हमले भारतीय प्रशासित जम्मू और कश्मीर में 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम नरसंहार की प्रतिक्रिया में किए गए थे। मारे गए लोग हिंदू पर्यटक थे जिसमें 26 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। पीड़ितों को गोली मारने से पहले उनके नाम और धर्म पूछे थे उन्हें उनके परिवार के सामने हिंदू होने के कारण मार दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं वह अंत नहीं है केवल एक विराम मात्र है। भविष्य में ऐसा कोई आतंकी कृत होता है तो यह भारत पर हमला माना जाएगा। हमारी नीति बदल चुकी है अब हम प्रतिक्रिया नहीं देंगे केवल जवाबी कार्यवाही करेंगे।
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