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Saturday, May 10, 2025

प्रेम चन्द और मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार के लिए 26 मई तक दें प्रविष्टियां

गोरखपुर। रेल कर्मचारियों की साहित्यिक प्रतिभा एवं अभिरुचि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय द्वारा हिन्दी में कहानी, उपन्यास, नाटक एवं अन्य गद्य साहित्य के लिये ‘प्रेमचंद पुरस्कार‘ तथा काव्य-गजल संग्रह के लिये ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार‘ योजनायें संचालित की जाती हैं। रेल मंत्रालय द्वारा आधार वर्ष-2024 के लिये प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रेल अधिकारी/कर्मचारी अपनी मौलिक कृति दो मुद्रित अथवा दो टंकित प्रतियों के साथ 26 मई, 2025 तक राजभाषा विभाग, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर को भेज सकते हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियों पर मंत्रालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा। पुस्तक सामान्यतः 100 पृष्ठों से कम नहीं होनी चाहिये।

इस योजना के अन्तर्गत केवल सेवारत रेल अधिकारी/कर्मचारी ही भाग लेने हेतु पात्र हैं। पुस्तक लेखक अथवा कवि की मौलिक कृति होनी चाहिये। प्रतियोगी अपने मौलिक कृति के साथ निर्धारित प्रोफार्मा पर टाइप किया हुआ अपना विवरण, जिसमें लेखक का नाम (द्विभाषी रूप में), पदनाम, कार्यालय का नाम व पता, पुस्तक का नाम, पुस्तक का विषय, प्रकाशक का नाम व पता (यदि कोई हो), पुस्तक लिखने का कार्य पूरा करने की तारीख (माह-वर्ष), फोन/मोबाइल नम्बर, ई-मेल तथा पृष्ठों की संख्या लिखकर इस घोषणा के साथ कि इस पुस्तक को कभी पुरस्कृत नहीं किया गया है एवं पिछले तीन वर्ष के दौरान 01.01.2022 से 31.12.2024 के बीच पहली बार लिखी गई है और इससे किसी दूसरे के कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन नहीं होता है, के साथ भेज सकते हैं। किसी अन्य जानकारी के लिये राजभाषा विभाग, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर से सम्पर्क किया जा सकता है।

रेलवे बोर्ड द्वारा चयनित सर्वोत्तम पुस्तकों के लिये कथा/कहानी, उपन्यास, नाटक एवं अन्य गद्य साहित्य के लिये ‘प्रेमचंद पुरस्कार‘ और काव्य-गजल संग्रह के लिये ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार‘ हेतु दोनों विधाओं में अलग-अलग प्रथम पुरस्कार रू. 20,000 (बीस हजार), द्वितीय पुरस्कार रू. 10,000 (दस हजार) एवं तृतीय पुरस्कार रू. 7,000 (सात हजार) तथा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे के अनेक अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने गद्य तथा काव्य-गजल लेखन जैसी साहित्यिक अनेक विधाओं में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। विगत वर्षों में इनकी अनेक पुस्तकें रेल मंत्रालय की इस योजना में सम्मिलित हुई हैं।



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