बस्ती। श्री किशोरी देवी मेमोरियल संस्थान के संस्थापक रिपुंजय राय ने न्यायालयों में भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में प्रदेश महामंत्री ने कहा है कि कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय के प्रमुख पंकज भैया कायस्थ की मांग से सहमत होते हुए इस मांग का समर्थन करते हैं।
चूंकि न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त ही हैं और जैसा कि पुराणों में वर्णित है उनके पास ही सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा होता है और वही सबको न्याय प्रदान करते हैं।
1 जुलाई को भारत सरकार ने न्यायालय की न्याय प्रणाली में कुछ धाराओं और नामों को इस आशय के साथ परिवर्तित किया था कि उनसे गुलामी के समय से चली आ रही अवधारणा बदल जाए।
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में संस्थापक श्री किशोरी देवी मेमोरियल वेलफेयर संस्थान के - रिपुंजय राय राकेश ने कहा कि न्यायालय में रोमन देवी जस्टिशिया की मूर्ति आज भी गुलामी के प्रतीक के रूप में विराजमान है।
हम इस मुहिम का समर्थन करते हैं और न्यायालयों में भगवान श्री चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करवाने की मांग करते हैं।
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