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Wednesday, July 19, 2023

बेसिक स्कूलों में हर बच्चे को ''निपुण'' बनाने में जुटी योगी सरकार

गोरखपुर। दशकों तक हाशिये पर रही बेसिक शिक्षा का पुनरोद्धार योगी सरकार की प्राथमिकता है। स्कूलों का कायाकल्प कराने, संसाधन समृद्ध बनाने और यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए हर सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए परिणामदायी प्रयास किए जा रहे हैं। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के ही दृष्टिगत गोरखपुर में मॉडल के रूप में ''निपुण'' (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विथ अंडरस्टैंडिंग न्यूमरेसी) प्रोजेक्ट लागू किया गया है। दिसंबर 2021 से शुरू निपुण भारत मिशन से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है।


बीते कुछ दशकों में बेसिक शिक्षा पर तत्कालीन सरकारों की तरफ से अपेक्षित ध्यान न दिए जाने से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कॉन्वेंट में पढ़ने वाले बच्चों से तुलनात्मक रूप से पिछड़ते गए। उनकी पढ़ाई एक तरह से खानापूर्ति वाली हो गई। ड्राप आउट की समस्या भी बढ़ी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इस दशा को सुधारने के लिए सतत प्रयास किए हैं। उनके प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। परिषदीय स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध करने के साथ सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की महसूस की गई। इसी के दृष्टिगत दिसम्बर 2021 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के विकास भवन में निपुण भारत मॉनिटरिंग केंद्र का लोकार्पण किया था।

हर बच्चे को ज्ञान के स्तर पर निपुण बनाने की मंशा :
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र सिंह बताते हैं कि हर बच्चे को ज्ञान के स्तर पर निपुण बनाने की मंशा वाले प्रोजेक्ट निपुण मिशन के तहत हर बच्चे के ज्ञान का मूल्यांकन किया जा रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि बच्चे ने स्कूल में क्या जाना, क्या सीखा और उसके किस पक्ष को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। निपुण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पीटीएम (अभिभावक-शिक्षक बैठक) का आयोजन कर अभिभावकों से बच्चों की शैक्षिक प्रगति पर भी संवाद किया जा रहा है।

गोरखपुर में हो चुका है ज्ञानोत्सव :
बेसिक शिक्षा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की नींव है। इस नींव को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए गोरखपुर में निपुण भारत प्रोजेक्ट के तहत कक्षा आठ तक सरल एप आकलन की परीक्षा ज्ञानोत्सव के रूप में अप्रैल 2022 में संपन्न हो चुकी है। देश में पहली बार कक्षा 01 से लेकर कक्षा 08 तक के बच्चों के अधिगम स्तर के अनुरूप सरल एप के द्वारा ओएमआर शीट का प्रयोग करते हुए आकलन किया गया। गोरखपुर के शत प्रतिशत विद्यालयों मे 02 लाख 86 हजार के सापेक्ष 02 लाख 28 हजार 800 बच्चे इसमें शामिल हुए। दिव्यांग बच्चे भी उत्साह के साथ प्रतिभागी बने। अभिभावक भी इस तरह की परीक्षा को लेकर उत्साहित रहे। उनके लिए यह आश्चर्य का विषय रहा कि उनके बच्चों की क्षमता का आकलन मोबाइल से किया गया। परीक्षा का आकलन करने के बाद उन बच्चों को चिन्हित किया गया, जिन पर विषय विशेषज्ञों द्वारा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। कक्षाओं में बच्चों के सीखने-समझने के स्तर में वृद्धि हो सके इसके लिए असेसमेंट के जरिये लर्निंग गैप की पहचान की गई। बच्चों को विज्ञान व गणित में और दक्ष बनाने के लिए अध्यापन की नई तकनीकियों से रूबरू कराने के लिए चुनिंदा शिक्षकों की कार्यशाला आईआईटी गांधीनगर (गुजरात) में कराई जा चुकी है।

सीडीओ करते हैं समीक्षा :
जनवरी से मार्च 2023 तक डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा किए गए आकलन के अनुसार कक्षा 03 तक के 27 प्रतिशत विद्यार्थी निपुण लक्ष्य हासिल कर चुके थे। इस आकलन के सापेक्ष उन बच्चों की पहचान की गई जिन्हें दक्ष बनाने के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है। शिक्षकों को टास्क भी दिए गए। जिले के सभी विकास खंडों में निपुण कार्य योजना की मासिक समीक्षा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान के मुताबिक शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में व्यावहारिक बदलाव के लिए प्रशिक्षण प्राप्त 105 मेंटर्स विद्यालयों का भ्रमण कर शैक्षिक सहयोग दे रहे हैं। ये मेंटर्स ऑन द स्पॉट निपुण लक्ष्य एप से पांच विद्यार्थियों का असेसमेंट भी करते हैं।

निपुण मिशन बन रहा जनांदोलन :
योगी सरकार ने निपुण मिशन को एक जनांदोलन के रूप में परिवर्तित किया है। इससे अभिभावकों व आमजन को जोड़ने के लिए आशा, आंगनबाड़ी वर्कर, ग्राम प्रधान आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है। शिक्षकों के उत्कृष्ट प्रयासों को प्रचार प्रसार के लिए ''प्रेरणादायी शिक्षकों की कहानियां'' नाम से एक सीरीज भी शुरू की गई है। इसे डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। मई 2023 में सभी परिषदीय स्कूलों में निपुण मेला और जुलाई माह में मेगा पीटीएम (अभिभावक-शिक्षक बैठक) का आयोजन हुआ।

व्यक्तिगत जुड़ाव का माध्यम बनेगा अधिगम स्तर का ज्ञान :
सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विवेक जायसवाल का मानना है कि एक शिक्षक के लिए अपने बच्चों के अधिगम स्तर को जानना बच्चों से व्यक्तिगत जुड़ाव का माध्यम बन सकता है। शिक्षक जितनी सरलता से बच्चों के सीखने की क्षमता को जान पाएंगे उतनी ही घनिष्ठता के साथ अपनी कक्षा से जुड़ सकेंगे। निपुण मिशन का यही उद्देश्य भी है।

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