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Thursday, December 12, 2019

पुलिसिया कार्यवाही पर उठ रहे सवाल

बस्ती (बनकटी)। दिन दहाड़े हुई चोरी की घटना के दर्ज मुकदमें का कथित अभियुक्त तीन सप्ताह बाद भी पुलिस की पकड से बाहर सीनातानकर घूम रहा है। जिससे क्षेत्रीय जनता का पुलिस से विश्वास उठ रहा है। मामला लालगंज थाने का है। 
    थाना क्षेत्र के ग्राम नेवारी निवासी मन्जू देवी पत्नी अशोक कुमार पिछले छह वर्षों से सपरिवार बनकटी ब्लाक के सन्निकट किराये के मकान में रहते हैं। अशोक कुमार सफाई कर्मचारी है।19 नवम्बर 2019 को वह ड्यूटी करने मुन्डेरवा कस्बे में तथा पत्नी मन्जू आवश्यक कार्य से अपने बच्चों के साथ खेत में चली गयी थी। पुलिस को दिये गये तहरीर में मन्जू देवी ने लिखा है कि मैं खेत से जब वापस आई तो देखा कि पीछे से दरवाजा खुला है तथा घर का सामान बिखरा पडा है और घर के पूजा मन्दिर में रखा रू.बीस हजार नगद और कीमती जेवर भी नहीं है।
पीडित महिला ने यह भी लिखा है कि पडोस में स्थित एक कपडे के दुकानदार से हमारी अनबन रहती है। वह अक्सर धमकी देते रहते हैं। तथा रात में मकान के छत के ऊपर कूदते फाँदते व परेशान करते रहते हैं।मेरा शक उन्हीं पर है। मन्जू देवी के शिकायत पर पुलिस ने  मु.अ.सं.310/2019 धारा 454 और 380 आई.पी.सी.दर्ज तो कर लिया है। लेकिन मुकदमा वादी ने बताया कि दर्ज मुकदमें के कथित आरोपी के दुकान/आवास का विवेचक ने आज तक न तो तलाशी लिया है और गायब मेरे रूपये व जेवरों को बरामद करने में भी रुचि नहीं लिया। उसने बताया कि विवेचक ने आरोपी को बचाने के लिये पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाकर विभाग को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोडा है।जो बहुत ही निन्दनीय है। 
इस मामले में मुकदमें के विवेचक उप निरीक्षक जोगेन्द्र कुमार ने कहा कि वादी के शक के आधार पर हम.किसी को मुजरिम नहीं बना सकते।
अब सवाल उठता है कि वादी के मुताबिक जब विवेचक ने कथित आरोपी की न तो तलाशी लिया और न ही वादी के गायब सामानों की बरामदगी में ही रुचि लिया तो विवेचक की कार्यप्रणाली क्या संदिग्ध और पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने जैसी नहीं है ? आखिर विवेचक किसके आरोप और तहरीर पर  मुल्जिम के विरुद्ध कार्यवाही करेगें ?. बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन पुलिस ने मामले में जो रवैया अपनाया है उससे लालगंज पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगा है।


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