गोरखपुर। चित्रगुप्त मन्दिर सभा के सामाजिक एवं राजनीतिक प्रकोष्ठ के सह सयोजक विजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा विंध्यवासिनी पार्क के प्रकरण में अधिकारीयों से जानकारी मॉगी गयी है। विजय कुमार द्वारा पूछा गया है कि नगर विधायक द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विध्यवासिनी पार्क का नाम बदला ही नही गया है। आखिर इसमें सच्चाई क्या है। विजय श्रीवास्तव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के साथ ही शासनादेश की कापी को सार्वजनिक करते हुए पूछा है कि यदि यह शासनादेश सही है तो फिर भाजपा के नगर विधायक डा0 राधा मोहन दास अग्रवाल द्वारा यह कहा जाना कि पार्क का नाम बदला ही नही गया है भ्रम की स्थिति पैदा करता है। विजय श्रीवास्तव ने कहा कि वह इस प्रकरण पर यह जानना चाह रहे क्या विधायक जो कह रहे वह सही है यदि हॉ तो शासनादेश क्या फर्जी जारी हुआ।
विजय श्रीवास्तव ने कहा कि पार्क का नाम बदले जाने का बकायदा आदेश जारी हुआ था 13 नबम्बर 2019 को जिलाधिकारी द्वारा राजकीय उद्यान गोरखपुर का नाम परिर्विर्तत कर श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार किये जाने की संस्तुति की गयी है। जिलाधिकारी की संस्तुति के दृष्टिगत राज्यपाल ने राजकीय उद्यान गोरखपुर का नाम परिवर्तित कर श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार राजकीय उद्यान गोरखपुर किये जाने की अनुमति प्रदान की है। जिसका आदेश 14 नवम्बर में जारी हुआ है।
विजय ने कहा कि शासनादेश जारी होने के बाद कायस्थ समाज के लोगों के साथ ही सामजिक संगठन और राजनैतिक दलों के द्वारा इस शासनादेश के विरोध में धरना प्रर्दशन किया गया था। जिलाधिकारी और नगर निगम के मेयर सीताराम जायसवाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था। एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह, मेयर सीताराम जायसवाल ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया था और शासन को विध्यवासिनी पार्क का नाम न बदले जाने के संबन्ध में पत्र भी भेजा था। इतना ही नही इस प्रकरण को लेकर वह चित्रगुप्त मन्दिर सभा के प्रतिनिध मण्डल वैद्य अरूण श्रीवास्तव,सत्यव्रत लाल श्रीवास्तव, रत्नेश श्रीवास्तव के साथ मुख्यमंत्री से भी मिले थे। उन्होने आश्वासन दिया था और कहा था कि मैने प्रकरण को संज्ञान में लिया है जिलाधिकारी से रिर्पोट मॅगवाया है जल्द ही निर्णय लिया जायेगा।
विजय श्रीवास्तव ने विधायक द्वारा जारी बयान को लेकर स्थिति को स्पष्ट करने के लिए जिला अधिकारी उद्यान अधिकारी से जबाव मॉगा गया है साथ ही श्री हनुमान प्रसाद पोद्््््दार के नाम की जगह पुनः पार्क का नाम विंध्यवासिनी पार्क कर उद्यान में बाबू विंध्यवासिनी जी की प्रतिमा लगाई जाने की बात कही गयी है।
क्या है मामला
विंध्यवासिनी पार्क के नाम बदले जाने से कायस्थ समाज और सामाजिक संगठनों के साथ ही राजनैतिक दलों में नाराजगी थी। जिसको लेकर धरना प्रर्दशन ज्ञापन दिया गया। चित्रगुप्त मंदिन सभा के लोग इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर नाम न बदले जाने का अनुरोध किया था। इसी बीच नगर विधायक डा0 राधा मोहन दास अग्रवाल ने बयान जारी करके नागरिको को आश्वस्त किया कि मोहद्दीपुर स्थित राजकीय उद्यान पार्क का नाम नही बदलने जा रहा। इसका नाथ विंध्यवासिनी पार्क ही रहेगा। नाम बदलने पर कोई विचार नही हो रहा। उन्होने कहा कि कतिपय अनाधिकृत स्रोतो से यह अफवाह फैला दी गयी थी कि राजकीय उद्यान का नाम बदला जा रहा है। इसे लेकर अनावश्यक चर्चा इसलिए आगे बढ़ गयी क्योंकि राजकीय उद्यान निदेशालय सही तथ्य की जानकारी नही प्राप्त करा सका।
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