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Wednesday, October 23, 2019

एसीएफ अभियान में टीबी के मिले 51 मरीज

-अब तक 2.26 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिंग 
-परशुरामपुर ब्लॉक में मिले हैं सर्वाधिक 10 मरीज


बस्ती। सक्रिय टीबी मरीज खोज (एसीएफ) अभियान में 11 दिन में टीबी के 51 मरीज खोजे गए हैं। अब तक 2.26 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 924 लोग ऐसे पाए गए हैं, जिनमें टीबी के लक्षण मिलने पर उनके बलगम की जांच कराई गई है। क्षय रोग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीबी का केस कंफर्म होने के साथ ही मरीज का पंजीकरण कराकर दवा शुरू कराई जा रही है। जिस घर में टीबी का मरीज मिलता है, उसके परिवार व आस-पास के लोगों की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग कराकर उनकी काउंसलिंग भी की जा रही है। लगातार चल रहे अभियान के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के मिलने के बाद पर्यवेक्षण की कार्रवाई बढ़ा दी गई है। पिछले अभियान में जिले में 62 मरीज मिले थे।
12 चिन्ह्ति ब्लॉकों व नगरीय क्षेत्र में एसीएफ कार्यक्रम 10 अक्टूबर से शुरू किया गया है। अभियान में कुल 106 टीमें लगाई गई हैं। टीमों पर नजर रखने के लिए स्थानीय एमओआईसी के साथ ही टीबी क्लीनिक के अधिकारियों को भी लगाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उनका फोकस विशेष रूप से मलिन बस्ती पर है। टीमें घरों पर जाकर लोगों से कुछ सवाल करती है। जवाब पाजिटिव पाए जाने पर उक्त व्यक्ति को एक शीशी देकर आती है।  उससे कहा जाता है कि सुबह के समय का बलगम वह इसमें जमा करके रखेगा, जिससे ब्लॉक की टीम आकर कलेक्ट करेगी। बलगम की जांच लैब में कराई जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उक्त व्यक्ति का पंजीकरण कर सीबीनॉट मशीन से जांच कराकर टीबी की पुष्टि की जाती है। वहां से भी पुष्टि होने के बाद उसकी दवा शुरू कराई जाती है। अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
परशुरामपुर ब्लॉक में मिले हैं सर्वाधिक 10 मरीज
अब तक के अभियान में जिले के सबसे पिछड़े ब्लॉक परशुरामपुर में सर्वाधिक 10 मरीज मिल चुके हैं। एसटीएम आशुतोष कुमार के नेतृत्व में दो सुपरवाईजर व आठ टीमें इस ब्लॉक में काम कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि एसटीएस के अच्छे पर्यवेक्षण व टीमों को काम के प्रति प्रेरित करने का नतीजा है कि इतने छुपे हुए केस सामने आए हैं। आशुतोष कुमार के कार्य की सराहना की जा रही है।
अभी तक के अभियान में 51 टीबी के केस सामने आ चुके हैं। इसमें और इजाफा होने की संभावना है। आम लोगों से अपील की जा रही है कि वे टीबी के लक्षण को छुपाए नहीं तथा टीम द्वारा या सीएचसी पर पहुंचकर खुद ही जांच कराएं तथा टीबी को समाप्त करने में मददगार बनें।


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