भोपाल विभाग की ओर से रविवार को कवर्ड कैंपस कार्य के अंतर्गत संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाल विभाग की ओर से रविवार को कवर्ड कैंपस कार्य के अंतर्गत संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनआईटीटीटीआर में आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य कवर्ड कैंपस में संघ कार्य को और अधिक सशक्त बनाना तथा कार्यकर्ताओं को वैचारिक स्पष्टता के साथ समाज परिवर्तन की दिशा में प्रेरित करना रहा। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद जी मुख्य रूप से उपस्थित हुए और उन्होंने जनशक्ति एवं मातृशक्ति से आत्मीय संवाद किया। कार्यक्रम में मध्यभारत प्रांत के सह संघचालक डॉ. राजेश सेठी जी, भोपाल विभाग संघचालक सोमकांत उमालकर जी सहित विभाग के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता और कवर्ड कैंपस में सक्रिय स्वयंसेवक उपस्थित रहे। संवाद का वातावरण विचारोत्तेजक और प्रेरणादायी रहा।
व्यक्ति निर्माण से ही समाज परिवर्तन संभव :
अपने उद्बोधन में सह सरकार्यवाह मुकुंद जी ने कहा कि संघ कार्य की दृष्टि से कवर्ड कैंपस अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहाँ कार्य करने वाले लोग स्वभाव से ही राष्ट्रीय विचारधारा से प्रेरित होते हैं और अपने आचरण तथा संपर्क के माध्यम से व्यक्ति और समाज में राष्ट्रभाव जागृत करने का कार्य करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्ति निर्माण से ही समाज परिवर्तन संभव है और यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल उद्देश्य है। मुकुंद जी ने कहा कि संघ ने अपने 100 वर्षों के कार्यकाल में इसी ध्येय मंत्र को केंद्र में रखकर कार्य किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम आज समाज में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि केवल व्यवस्था परिवर्तन से होने वाले बदलाव स्थायी नहीं होते। जब तक व्यक्ति के विचार, आचरण और जीवन मूल्य नहीं बदलते, तब तक समाज में स्थायी परिवर्तन संभव नहीं है।
संस्कार, संस्कृति और मूल्य प्राप्त हुए :
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज पर केवल सैन्य आक्रमण ही नहीं हुए, बल्कि समय-समय पर आर्थिक और वैचारिक आक्रमण भी होते रहे हैं। ऐसे में समाज को सजग, संगठित और आत्मनिर्भर बनाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें आज जो संस्कार, संस्कृति और मूल्य प्राप्त हुए हैं, उन्हें अगली पीढ़ी तक सुरक्षित रूप से पहुँचाना हमारा दायित्व है। व्यक्ति निर्माण के विषय पर प्रकाश डालते हुए मुकुंद जी ने कहा कि घर और परिवार की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज के साथ-साथ परिवार भी व्यक्ति निर्माण की पहली और सबसे प्रभावशाली पाठशाला है। यदि परिवार में संस्कार, अनुशासन और राष्ट्रभाव का वातावरण हो, तो समाज स्वतः सुदृढ़ बनता है।
राष्ट्रभाव को मजबूत किया जा रहा है :
संवाद के दौरान उपस्थित जनशक्ति ने अपने-अपने कवर्ड कैंपस में चल रहे संघ कार्य, उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में अनुभव साझा किए। स्वयंसेवकों ने बताया कि किस प्रकार नियमित संपर्क, सामाजिक समरसता और सेवा गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रभाव को मजबूत किया जा रहा है। कार्यक्रम के समापन पर मुकुंद जी ने कहा कि आदर्श कवर्ड कैंपस निर्माण के लिए आवश्यक है कि रहवासी स्वयं चिंतन करें, टोली बनाकर सामूहिक रूप से कार्य की योजना तैयार करें और उसे निरंतरता के साथ स्थापित करें। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों से कहा कि वे अपने कार्यक्षेत्र में संघ के विचारों को आचरण में उतारते हुए समाज निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

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