वॉयस ऑफ बस्ती संवाददाता
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आयोजित इंटर-स्टेट युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का चौथा दिन अत्यंत उत्साह, ऊर्जा एवं प्रेरणा से परिपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम युवाओं के सर्वांगीण विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने, नेतृत्व क्षमता के निर्माण तथा राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में युवाओं की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन मेरा युवा भारत, लखनऊ द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया गया है।
कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य से आए 37 युवा प्रतिभागी लखनऊ प्रवास पर हैं। प्रतिभागी लखनऊ के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक परिवेश को समझने हेतु विभिन्न शैक्षणिक, संवादात्मक एवं अनुभवात्मक गतिविधियों में सहभागिता कर रहे हैं। यह आदान-प्रदान कार्यक्रम युवाओं को विविध संस्कृतियों से परिचित कराते हुए आपसी समझ, राष्ट्रीय एकता एवं भाईचारे की भावना को सशक्त बना रहा है।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुनील मिश्रा, स्वच्छता प्रभारी, लखनऊ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। यदि युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, सकारात्मक दृष्टिकोण एवं सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित की जाए, तो भारत वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर हो सकता है। उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में लखनऊ की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शहर ने राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में तृतीय स्थान प्राप्त किया है, जो नागरिकों की जागरूकता एवं प्रशासनिक प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
द्वितीय सत्र में सौरभ गुप्ता, क्षेत्रीय प्रबंधक (मार्केटिंग), अडानी सीमेंट तथा दुर्गेश त्रिपाठी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एकल अभियान (युवा विभाग) ने युवाओं को संबोधित किया। अतिथियों ने सामाजिक नेतृत्व, चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों, सकारात्मक जीवन-शैली एवं आध्यात्मिक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर अपने प्रेरणादायी विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम सीखने, जुड़ने और नए दृष्टिकोण अपनाने का सशक्त मंच प्रदान करता है।
इस अवसर पर मेरा युवा भारत, लखनऊ के उप निदेशक विकास कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभावना, नेतृत्व क्षमता, संवाद कौशल, टीमवर्क, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं संवेदनशील नागरिकता का विकास करना है। उन्होंने कहा कि आज का युवा केवल दर्शक नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का सक्रिय वाहक है।
सत्रों के उपरांत समूह चर्चा, नेतृत्व विकास अभ्यास, व्यक्तित्व संवर्धन कार्यशालाएँ, संवाद सत्र एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की सफलता में मेरा युवा भारत, लखनऊ की समर्पित टीम, स्वयंसेवकों एवं सहयोगी संस्थाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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