हरिद्वार। हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में गुरुवार को चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर दर्ज हो गया। स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में यज्ञ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पतंजलि इमरजेंसी एंड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का अनौपचारिक शुभारंभ किया गया। स्वामी रामदेव ने इसे चिकित्सा विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत बताते हुए कहा कि यह हॉस्पिटल स्वास्थ्य सेवाओं के लोकतंत्रीकरण का प्रतीक बनेगा, जहां इलाज व्यापार नहीं, बल्कि सेवा के भाव से किया जाएगा।
- यह हॉस्पिटल एक बीज है
स्वामी रामदेव के अनुसार, यह हॉस्पिटल एक बीज है। आने वाले समय में दिल्ली-एनसीआर में एम्स, अपोलो और मेदांता से बड़ा, पूरी तरह सहयोग आधारित अस्पताल स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने तय किया है मॉडर्न मेडिकल साइंस का उपयोग वहीं किया जाएगा, जहां उसकी नितांत जरूरत हो। बाकी स्थितियों में योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से रोगियों को निरोग बनाने का लक्ष्य रहेगा।
- कई सेवाओं का मिलेगा लाभ
पतंजलि के इस नए अस्पताल में ब्रेन, हार्ट और स्पाइन जैसी जटिल सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। भविष्य में कैंसर सर्जरी भी शुरू करने की योजना है। साथ ही एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी जैसी सभी जांचें विश्वस्तरीय मानकों के साथ उपलब्ध होंगी। स्वामी रामदेव ने दावा किया कि यहां मरीजों को अन्य बड़े अस्पतालों की तरह महंगे पैकेजों के बोझ में नहीं दबना पड़ेगा।
- आचार्य बालकृष्ण ने क्या कहा?
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक विज्ञान की 20 प्रतिशत और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा की 80 प्रतिशत शक्ति को मिलाकर दुनिया को नया स्वास्थ्य मॉडल दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पतंजलि चिकित्सकों पर किसी तरह के वित्तीय लक्ष्य का दबाव नहीं डालेगा, उनका एक ही लक्ष्य होगा। रोगियों को स्वास्थ्य लाभ देना।
आचार्य ने पतंजलि की रिसर्च क्षमताओं का भी उल्लेख किया और बताया कि योग-आयुर्वेद को प्रमाण आधारित चिकित्सा के रूप में स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर क्लिनिकल डेटा, प्रयोगशाला सुविधाएं और उच्च स्तरीय अनुसंधान लगातार जारी है।
- कई एक्सपर्ट और डॉक्टर रहे मौजूद
उद्घाटन समारोह में अस्पताल के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर और पतंजलि से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। यह नया अस्पताल जल्द ही क्षेत्र में गंभीर रोगियों के लिए जीवनरक्षक केंद्र की अहम भूमिका निभाने को तैयार है।
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