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Friday, September 19, 2025

महेश प्रताप श्रीवास्तव साहित्य को बढ़ावा दे रहे हैं


बस्ती। बस्ती जनपद के मुड़सरा गांव के निवासी महेश प्रताप श्रीवास्तव, जो वर्तमान में गाजियाबाद जिले की डासना नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, को हाल ही में साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए दिल्ली और आगरा में सम्मानित किया गया। यह सम्मान साहित्य के प्रति उनकी गहन निष्ठा और निरंतर प्रयासों का परिणाम है, जिससे न केवल उनकी व्यक्तिगत पहचान बनी है, बल्कि बस्ती जनपद का भी नाम साहित्य के मानचित्र पर और ऊँचा हुआ है।

महेश प्रताप श्रीवास्तव का साहित्य से लगाव बचपन से ही रहा है। वे न केवल साहित्य को पढ़ने और लिखने में रुचि रखते हैं, बल्कि समाज में साहित्यिक चेतना और संवेदना फैलाने के लिए लगातार सक्रिय हैं। उनकी लेखनी में जीवन के सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय पहलुओं की गूंज सुनाई देती है, जो पाठकों और साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

दिल्ली और आगरा के साहित्यिक आयोजनों में उन्हें सम्मानित किया गया, जहाँ उन्हें सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। इन मंचों पर उनके साहित्यिक योगदान की सराहना करते हुए कहा गया कि महेश प्रताप श्रीवास्तव ने अपने समर्पण और लगन से साहित्य को न केवल एक कला के रूप में अपनाया है, बल्कि इसे जन-जन तक पहुँचाने का कार्य भी किया है।

बस्ती जनपद, जिसे साहित्य का तीर्थ स्थल कहा जाता है, वहां जन्मे महेश प्रताप श्रीवास्तव ने इस परंपरा को जीवित रखते हुए साहित्य के विस्तार और संवर्धन के लिए निरंतर कार्य किया है। वे अपने प्रशासनिक कर्तव्यों के साथ-साथ साहित्यिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं और जहाँ भी जाते हैं, वहाँ साहित्य को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

उनके लिए साहित्य सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता है। इसे वे अपने जीवन की प्यास के समान मानते हैं, जिसे बिना बुझाए वे कभी संतुष्ट नहीं होते। साहित्य के प्रति उनका यह प्रेम और समर्पण उन्हें समाज में एक प्रभावशाली और सम्मानित व्यक्तित्व बनाता है।

महेश प्रताप श्रीवास्तव की इस उपलब्धि से बस्ती जनपद समेत पूरे क्षेत्र में गर्व की भावना व्याप्त है। साहित्यिक जगत के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन,शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक संगठन भी उनके सम्मान की प्रशंसा कर रहे हैं। उनके इस सम्मान को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत माना जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि समर्पण और लगन से किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।

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