आज पूरा देश उस यशस्वी नेतृत्व के जीवन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। वास्तव में, उनके पचहत्तर वर्षों का यह जीवन केवल व्यक्ति मात्र की यात्रा नहीं, बल्कि भारत की सामूहिक चेतना के जागरण की गाथा है। सनातन संस्कृति के संवाहक, आधुनिक भारत के शिल्पकार,राष्ट्रसेवा और जनहित को सर्वोपरि रखने वाले सच्चे कर्मयोगी यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन एक साधक की सतत यात्रा है जो माँ भारती की सेवा और जनकल्याण को समर्पित रही है।
नरेन्द्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे राज्य के महेसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यम-वर्गीय शाकाहारी परिवार में 17 सितंबर 1950 को हुआ। युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी नवनिर्माण आन्दोलन में हिस्सा लिया। एक पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के पश्चात् उन्हें भारतीय जनता पार्टी में संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया।
अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिलीजुली सरकारों का दौर शुरू हुआ तब मोदी जी की मेहनत रंग लाई और गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनाएं इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख सारथी की भूमिका में मोदी जी का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथयात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई।
1995 में राष्ट्रीय मंत्री के नाते उन्हें 5 प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी। वे भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में 26 मई 2014 को शपथ लिए। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने स्वच्छ भारत मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं। उनका नेतृत्व और देशभक्ति उन्हें एक विशेष नेता बनाते हैं, जो भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त बना रहे हैं। मोदी जी का जीवन संघर्ष से संकल्प और संकल्प से सिद्धि की अनुपम कथा है। यह केवल राजनीतिक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरक गाथा है जिसमें प्रत्येक अनुभव राष्ट्रसेवा की सीख बनकर सामने आया।
प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने शासन को नई परिभाषा दी। आपका जीवन और कार्य हमें निरंतर प्रेरणा देते हैं। आपने न केवल देश के नेतृत्व की जिम्मेदारी निभाई है बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में आशा और विश्वास की ज्योति जलाई है। आपकी दूरदर्शी सोच अथक मेहनत और जनसेवा का समर्पण हर भारतीय के जीवन को संवार रहा है। मेक इन इंडिया स्वच्छ भारत अभियान जनधन योजना आयुष्मान भारत डिजिटल इंडिया स्मार्ट सिटी मिशन उज्ज्वला योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाएं न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं बल्कि हर गरीब किसान महिला और युवाओं के जीवन में खुशियाँ और उम्मीदें लेकर आई हैं। आपका व्यक्तित्व हमारे लिए एक प्रकाशस्तंभ है जो अंधकार में रास्ता दिखाता है और निराशा में एक उम्मीद जगाता है। उनका मानना है कि विकास केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय दृष्टि से भी होना चाहिए।
आपकी दूरदृष्टि ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन की राह प्रशस्त की। इसके माध्यम से भारत का राष्ट्रीय बाजार एकीकृत हुआ और स्थानीय उत्पादों व उद्योगों को वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला।करों के जटिल संजाल से मुक्ति दिलाकर जीएसटी लागू करना न केवल ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की संकल्पना को साकार करता है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक एकता, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा की नई संस्कृति लेकर आया।
मोदी जी का योगदान केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है। ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र के साथ उनके नेतृत्व में भारत एक नवीन सांस्कृतिक पुनर्जागरण का साक्षी और सहभागी बन रहा है। भारत अपनी जड़ों से जुड़कर आत्मसाक्षात्कार कर रहा है। वर्षों तक कुत्सित राजनीति के कारण उपेक्षा और तुष्टीकरण का दंश झेलती सनातन आस्था आज गौरव का अनुभव कर रही है। काशी विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार,महाकाल लोक, केदारधाम पुनरोद्धार,काशी तमिल संगमम जैसे आयोजनों के माध्यम से उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक धाराओं को जोड़ना, तथा उपेक्षित पूर्वोत्तर को विकास की मुख्यधारा में लाना—ये सभी प्रयास भारत की एकात्म चेतना के पुनर्जागरण के प्रतीक बने हैं।
2014 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही भारत की विदेश नीति में भी क्रांतिकारी परिवर्तन को दुनिया ने देखा और सराहा। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और हाल में ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति अडिग है।
कौन भूल सकता है 22 जनवरी 2024 का वह ऐतिहासिक क्षण जब पाँच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प पूर्ण हुआ। इस चिरप्रतीक्षा के पूरा होने का श्रेय आदरणीय मोदी जी को ही जाता है।
मोदी जी के नेतृत्व में देश की आर्थिक नीतियाँ भी नई कथा लिख रही हैं। आधार, जनधन और मोबाइल की ‘ट्रिनिटी’ ने डिजिटल क्रांति को जन्म दिया। आज भारत UPI लेन-देन की नई परिभाषा गढ़ रहा है। ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों ने युवाओं को नई उड़ान दी। डिजिटल इंडिया के अंतर्गत भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता देश है। डीप टेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 5जी, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है। 40 वर्षों तक उत्तर प्रदेश में मासूम बच्चों के असमय काल-कवलित होने का कारक रहे इंसेफेलाइटिस का उन्मूलन संभव हुआ तो इसके मूल में प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा ही रही।
मोदी जी का नेतृत्व इस अर्थ में अद्वितीय है कि उन्होंने शासन को जन-आंदोलन में परिवर्तित किया। महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने विशेष बल दिया और संसद व विधानसभा में आरक्षण का प्रावधान इस दिशा में ऐतिहासिक कदम है।विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने चंद्रयान और गगनयान जैसे अभियानों के माध्यम से नित नए इतिहास रचे हैं।
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वर्गों के कल्याण हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी की नीतियाँ और उनके अथक परिश्रम ने लोककल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश के गरीब, शोषित, दलित और पीड़ित परिवारों को सम्मानजनक जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया है। संस्कृति और परंपरा की जड़ों को संजोते हुए आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण का आपका संकल्प प्रत्येक वर्ग के उत्थान का आधार बना है। स्वच्छ भारत अभियान में बच्चे-बच्चे ने झाड़ू उठाई, जनधन योजना में गरीब ने बैंक खाता खोला और डिजिटल लेन-देन में सामान्य दुकानदार भी सहभागी बना।‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूलमंत्र के साथ आपने ‘गरीब, युवा, महिला और किसान’ के सशक्तिकरण को राष्ट्र निर्माण की धुरी बनाया है।
आज जब मोदी जी जीवन के अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं, यह अवसर केवल उनके जीवन का पर्व नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास का उत्सव है। पूरा विश्व मोदी जी के अविश्वसनीय उपलब्धि और नेतृत्व क्षमता की सराहना कर रहा है।आपका नेतृत्व भारत ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहे।
लेखक - इंजीनियर बृजमोहन भाजपा गोरखपुर
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