बस्ती। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में शनिवार को 210 शिक्षकों का पांच दिवसीय एकीकृत प्रशिक्षण शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डायट प्राचार्य संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों का शैक्षिक स्तर और बेहतर हो इसलिए समय-समय पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। शिक्षकों को लगातार सीखने की जरूरत होती है। शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और शिक्षकों को भी समय के साथ अपडेट रहना चाहिए। कहा कि शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों, प्रौद्योगिकी, और छात्रों की बदलती जरूरतों के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए। प्रशिक्षण के प्रभारी प्रवक्ता डॉ रविनाथ त्रिपाठी ने बताया कि 15 बैचों में कुल 1500 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है। जिसमें पहले और दूसरे बैच में 210 शिक्षक प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। वर्तमान में तीसरे और चौथे बैच में हर्रैया और कप्तानगंज ब्लाक के 210 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में प्रवक्ता अलीउद्दीन ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताते हुए कहा कि प्रत्येक सत्र महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने, छात्रों को सीखने में मदद करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार प्रशिक्षण के सत्रों का उद्देश्य है। प्रवक्ता मो. इमरान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक शिक्षक को अपने शिक्षण कौशल में परिमार्जन करना होगा। प्रवक्ता शशि दर्शन त्रिपाठी ने अध्यापकों को नई शिक्षा नीति में किए गए परिवर्तन से परिचित कराया। कहा कि इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और समावेशन में सुधार करना है, विशेष रूप से सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर ध्यान केंद्रित करना है। डॉ रिचा शुक्ला ने स्वास्थ्य शिक्षा एवं खेल के विषय पर विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक विकास की जिम्मेदारी हम शिक्षकों पर है। प्रवक्ता वंदना चौधरी ने शिक्षकों को नवीन शिक्षण विधियों से परिचित कराया।
इस अवसर पर डॉ गोविन्द प्रसाद, वर्षा पटेल, कुलदीप चौधरी, राममूर्ति, अजीत सिंह, भागीरथी, राजरतन, अखिलेश, उमेश चंद्र, मो. सलाम, गुलाम अशरफ, रवीन्द्र साहू, श्रेया पाण्डेय, संजय कुमार, तिलकराम, उपेंद्र तिवारी, विजय वर्मा, अरुण द्विवेदी, राघवेंद्र, आशीष, मस्तराम, प्रवीण, विकास पाण्डेय, सूर्यकांत, विपिन शुक्ल, अवनीश, सूर्यप्रकाश, अशोक वर्मा, शाहिदा खातून, रामबोध उपाध्याय, राकेश सिंह, वंश गोपाल तिवारी, राजन सिंह, चंद्रमणि, प्रमोद ओझा, मनीष पाण्डेय, गोपाल दूबे, हरी जी, लवकुश त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
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