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Friday, July 4, 2025

विचारधारा न पसंद आए तो लोगों को नक्सली कहने का चलन बढ़ा है - शरद पवार


पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अगर किसी का काम या विचारधारा पसंद नहीं आए तो उसे नक्सल करार देने का चलन बढ़ रहा है।
पवार ने शिवसेना की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनीषा कायंदे की टिप्पणी पर यह बात कही। विधान परिषद सदस्य कायंदे ने बुधवार को विधान परिषद में दावा किया था कि अर्बन नक्सलियों ने वारी वार्षिक तीर्थयात्रा में घुसपैठ कर ली है और वे वारकरियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
पवार ने बृहस्पतिवार को कहा, मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन जिन दो संगठनों के नाम मीडिया में आए हैं, उनमें से एक है लोकायत। मैंने लोकायत का काम देखा है।
पवार ने कहा, ‘‘ इस संगठन का दृष्टिकोण आधुनिक है और पिछले कई सालों से रूढ़िवादिता के खिलाफ काम कर रहा है। वे नक्सली नहीं हैं। अगर किसी का काम या विचारधारा स्वीकार नहीं है तो उसे नक्सली करार देने का चलन बढ़ रहा है।
पवार ने कहा कि पुणे में एल्गार परिषद (31 दिसंबर 2017) और कोरेगांव भीमा (एक जनवरी 2018) में जाति हिंसा के बाद माओवादियों के साथ संबंध रखने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यहां भी यही हो सकता है (वारी का जिक्र करते हुए)। आज, राज्य सरकार उन विचारधाराओं के लिए लोगों को नक्सली करार दे रही है, जो उसे स्वीकार नहीं।’’
पवार ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा पांच जुलाई को आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेगी जिसमें तीन नीति के मुद्दे पर जीत का जश्न मनाया जाएगा।

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